Advertisment

बढ़ी भारतीय वायुसेना की ताकत, 95 प्रतिशत स्वदेशी रडार होगा AESA

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रडार डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (LRDE) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी शेषगिरी ने इसकी पुष्टि करी है. उन्होंने कहा कि AESA रडार को Su-30 MKI विमान के राडार कोन के साथ MiG-29 K लड़ाकू विमानों में भी लगाया जाएगा.

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
aesa radar

स्वदेशी रडार AESA बढ़ाएगा लड़ाकू विमानों की ताकत( Photo Credit : file photo)

Advertisment

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) स्वदेशी रूप से विकसित रडार – एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन (AESA) का प्रदर्शन करेगी. वायुसेना में रडार के शामिल हो जाने के बाद भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में गिना जाने लगा है, जिनके पास एक फोर्स मल्टिप्लायर है, जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, लंबी दूरी की मिसाइलें और गाइडेड गोलाबारूद का मुकाबला करने में सक्षम है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रडार डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (LRDE) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी शेषगिरी ने इसकी पुष्टि करी है. उन्होंने कहा कि AESA रडार 95 प्रतिशत स्वदेशी है.

ये भी पढ़े: NASA ने मून मिशन के लिए अनिल मेनन को चुना, चांद पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे

इसमें केवल एक इंपोर्टेड सबसिस्टम है. यह 100 किमी से ज्यादा आकाश में 50 निशानों को ट्रैक करने और उनमें चार को इंगेज करने में सक्षम है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले पांच साल में वायुसेना के तेजस के सभी 83 लड़ाकू विमानों में यह रडार होगा. एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित भविष्य के जुड़वां इंजन AMCA फाइटर के पास भी ये रडार होंगे.

शेषगिरी के अनुसार, AESA रडार को Su-30 MKI विमान के राडार कोन के साथ MiG-29 K लड़ाकू विमानों में भी लगाया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि ‘पहले से ही, एलआरडीई ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ तेजस एमके I  ए पर रडार के प्रमुख इंटीग्रेटर होने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें बीईएल सहित चार विक्रेता सबसिस्टम्स के सप्लायर हैं.’ रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती 16 तेजस एमके 1ए विमान इजरायली ईएलएम 2052 एईएसए रडार से लैस होने वाले हैं। राडार को इसी महीने एक उड़ान में प्रदर्शित किया जाएगा.अभी तक अमेरिका, यूरोपीय संघ, इज़राइल और चीन के पास AESA रडार क्षमता है.’

HIGHLIGHTS

  • AESA फोर्स मल्टिप्लायर है, जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का मुकाबला करने में सक्षम है.
  • 100 किमी से ज्यादा आकाश में 50 निशानों को ट्रैक करने में सक्षम है
  • 83 लड़ाकू विमानों में यह रडार होगा.

Source : News Nation Bureau

aesa radar Indian Airforce AESA Fighter Plane
Advertisment
Advertisment
Advertisment