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चीन-पाकिस्तान को POK मुद्दे पर भारत की चेतावनी, जानें यहां

पीओके के मुद्दे (PoK issue) पर भारत (India) ने चीन (China) और पाकिस्तान (Pkaistan) दोनों को खरी खरी सुनाई है.

Updated on: 29 Jul 2021, 08:25 PM

नई दिल्ली:

पीओके के मुद्दे (PoK issue) पर भारत (India) ने चीन (China) और पाकिस्तान (Pkaistan) दोनों को खरी खरी सुनाई है. पीओके में हुए तथाकथित चुनाव पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है यह पाकिस्तान की ओर से भारत के अवैध कब्जे वाले हिस्से पर पर्दा डालने की छद्म कोशिश है. भारत ने अपनी जमीन पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे और इसके स्वरूप के साथ हो रहे छेड़छाड़ पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिन्दम बागची (MEA Spokesperson,Arindam Bagchi) ने कहा कि पाकिस्तान के इन प्रयासों को आवाम ने भी सिरे से ख़ारिज कर दिया है.

पाकिस्तान के इस तरह के कुप्रयास न ही अवैध कब्जे पर पर्दा डाल सकते हैं और न ही शोषण, उत्पीड़न और  मानवाधिकार उल्लंघनों पर. इसके साथ ही भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह भारत की जमीन से अवैध कब्जा समाप्त करे. पीओके के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ ही चीन को भी भारत ने कड़े लहजे में चेताया है. तथाकथित चाइना पाकिस्तान इकनोमिक कॉरिडोर भारत की उस ज़मीन से गुजर रहा है, जिस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है और इस हिस्से में हो रहे हर तरह के बदलाव का भारत विरोधी करता है.

भारत की यह प्रतिक्रिया चीन को लेकर इसलिए सामने आई है, क्योंकि चीन और पाकिस्तान के जॉइंट स्टेटमेंट में कश्मीर और लद्दाख का जिक्र आया था. भारत में एक बार फिर से आगाह किया है कि लद्दाख हो या कश्मीर, भारत का अभिन्न हिस्सा है.

तालिबान को एंटोनी ब्लिंकन की चेतावनी और एस जयशंकर की नसीहत

आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय बातचीत की एक और मेज सजी तो चर्चा के केंद्र में अफगानिस्तान रहा, जहां तालिबान का आतंक तेजी से पैर पसारने लगा है. यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटोनी ब्लिंकन (Antony Blinken) के भारत दौरे में सुरक्षा और आतंकवाद का मुद्दा टॉप पर था और खासकर अफगानिस्तान पर फोकस कहीं ज्यादा रहा. ब्लिंकन ने इस बाबत एनएसए अजीत डोवाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के साथ हुई बातचीत में यूएस की रणनीति को साझा किया और भारत की चिंताओं से भी अवगत हुए.

दोहा पैक्ट में तालिबान पीस प्रोसेस की बात कर रहा था, लेकिन अफगानिस्तान से जैसे-जैसे यूएस फोर्सेज की वापसी हो रही है वह आतंकी हमले के जरिये गांव के गांव और एक के बाद एक जिले कब्जे कर रहा है. इस दौरान भारी संख्या में जानमाल का हो रहा नुकसान तथा क्रूरता के कारनामे यूएस और भारत की साझी चिंता के कारण दिखाई दिए.