भारत और वियतनाम के बीच सिविल न्यूक्लियर समझौता हुआ है। वियतनाम को पूर्वी एशियाई देशों में से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मज़बूत होगी।
इसके अलावा दोनों देशों के बीच तीन और समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। जिसमें उड्डयन, ऊर्जा और संसदीय सहयोग शामिल हैं।
चारों समझौतों को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वियतनाम संसद की अध्यक्ष ग्वेन थी किम गान की उपस्थिति में किया गया।
चीन के पड़ोसी देश होने के नाते इस भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। वियतनाम और चीन के बीच स्थानीय मुद्दों के अलावा दक्षिण चीन सागर के मामले में आपसी हितों में टकराव देखने को मिल रहा है।
गान ने कहा, "भारत और वियतनाम के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा और आपसी संबंधों को मजबूती मिलेगी।"
भारत 1986 से ही विएतनाम को सिविल एटमी मामलों में सहयोग करता रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की सितंबर में विएतनाम यात्रा के दौरान इस पर डील के लिए बातचीत तेज करने पर सहमति हुई थी।
वियतनाम के साथ ये डील ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में जापान ने भारत के साथ एक ऐसी ही डील की है। वियतनाम के अलावा सिर्फ श्रीलंका एक ऐसा विकासशील देश है जिसके साथ भारत ने ऐसी एटमी डील की है।
Source : News Nation Bureau