फॉरेन मिलिटरी सेल्स के जरिये सैन्य साजो सामान के खरीद की भारत और अमेरिका ने समीक्षा की। इस बैठक में सैन्य खरीद को अंतिम रूप दिया गया।
भारत अमेरिका से फॉरेन मिलिटरी सेल्स के जरिये एम777 हॉवित्ज़र गन खरीदने को अंतिम रूप दिया गया। 1980 में हुए बोफोर्स घोटाले के बाद पहली बार भारत इस गन को खरीद कर रहा है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत अमेरिका से 145 एम777 हॉवित्ज़र गन खरीदेगा। जिसकी लागत करीब 5000 करोड़ रुपये होगी। हाल ही में कैबिनेट ने भी इस खरीद को मंज़ूरी दी थी।
अमेरिकी डिफेंस सेक्योरिटी एजेंसी के निदेशक वाइस एडमिरल जोसेफ रिक्सी ने रक्षा मंत्रालय में अपने समकक्ष अधिकारी से मुलाकात की।
सूत्रों ने कहा कि कई बड़े रक्षा परियोजनाओं पर चर्चा अंतिम चरण में है। दोनों देशों के बीच कई सैन्य खरीद पर चर्चा हुई है, जिसमें 22 प्रिडेटर गॉर्डियन ड्रोंस पर बातचीत अंतिम चरण में है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि अमेरिका में चुनाव के बाद उभरे नए हालात के मद्देनज़र इसपर फैसला कठिन होगा।
ये सालाना बैठक है जिसमें दोनों देश रक्षा खरीद की चर्चा और समीक्षा करते हैं।
एम777 हॉवित्ज़र गन की खरीद के संबंध में भारत ने अमेरिकी सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि वो इस गन को खरीदने का इच्छुक है। भारत के इस निवेदन को अमेरिका ने स्वीकार कर लिया था। भारत एम777 हॉवित्ज़र गन को अरुणाचल और लदाख में तैनात करना चाहता है।
भारत को पहला एम777 हॉवित्ज़र गन डील साइन होने के 6 महीने बाद मिलेगा और उसके हर महीने दो गन की डिलीवरी की जाएगी।
Source : News Nation Bureau