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भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय मुद्दों, इंडो-पैसिफिक और वैश्विक मामलों पर चर्चा की

भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय मुद्दों, इंडो-पैसिफिक और वैश्विक मामलों पर चर्चा की

Updated on: 04 Jan 2022, 10:35 PM

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ बातचीत के बाद मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका ने कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों, साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र और मौजूदा वैश्विक मामलों पर समन्वय को लेकर चर्चा की है।

विदेश मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन के साथ विविध विषयों पर व्यापक चर्चा हुई है। इस दौरान हिंद प्रशांत एवं महत्वपूर्ण वैश्विक मामलों सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही नववर्ष पर शुभकामनाओं का आदान प्रदान हुआ।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमेरिका-भारत साझेदारी स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक सिद्धांतों, सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार, मानवाधिकार और कानून के शासन के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है।

दोनों देशों के व्यापार, निवेश और कनेक्टिविटी के माध्यम से वैश्विक सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने में साझा हित हैं।

अमेरिका यह सुनिश्चित करने के प्रयासों में एक प्रमुख वैश्विक शक्ति और महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में भारत के उदय का समर्थन करता है कि इंडो-पैसिफिक शांति, स्थिरता और बढ़ती समृद्धि का क्षेत्र है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि हमारे देशों के बीच मजबूत जन दर जन संबंध, जो 40 लाख भारतीय-अमेरिकी डायस्पोरा में परिलक्षित होता है, साझेदारी के लिए ताकत का एक जबरदस्त स्रोत है।

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह चर्चा ऐसे समय में हुई है, जब भारत और अमेरिका, विदेश एवं रक्षा मंत्री स्तर पर टू-प्लस-टू वार्ता के अगले चरण की तैयारी कर रहे हैं। दिसंबर 2019 में, अमेरिका ने अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री और उनके भारतीय समकक्षों के नेतृत्व में वाशिंगटन में दूसरी 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें दोनों पक्षों ने एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि की और समुद्री सुरक्षा, अंतर-संचालन पर सहयोग को गहरा करने पर प्रतिबद्धता जताई।

2 प्लस 2 अमेरिका और भारत के बीच प्रमुख संवाद तंत्र के रूप में कार्य करता है और 30 से अधिक द्विपक्षीय संवाद और कार्य समूह हैं, जिसमें अंतरिक्ष और स्वास्थ्य सहयोग से लेकर ऊर्जा और उच्च प्रौद्योगिकी व्यापार तक मानव प्रयास के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।

इनमें यूएस-इंडिया काउंटर टेररिज्म ज्वाइंट वकिर्ंग ग्रुप शामिल है, जिसे 2000 में स्थापित किया गया था और यह उनकी सबसे पुरानी सरकार से सरकारी संवादों में से एक है, साथ ही इसमें रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी, साइबर डायलॉग, सिविल स्पेस वकिर्ंग ग्रुप, ट्रेड पॉलिसी फोरम, डिफेंस पॉलिसी ग्रुप और भी काफी कुछ शामिल है।

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