/newsnation/media/post_attachments/images/2021/02/27/narendra-modi-96.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( Photo Credit : News Nation)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सुबह 11 बजे 'इंडिया टॉय फेयर 2021' का उद्घाटन करते हुए भारतीय निमार्ताओं से ऐसे खिलौने बनाने की अपील की, जो इकोलॉजी और साइकोलॉजी दोनों के लिए बेहतर हों.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( Photo Credit : News Nation)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत खिलौना मेला 2021 का उद्घाटन कर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान इंडिया टॉय फेयर 2021 के खिलौना कारीगरों से संवाद किया. मोदी ने शनिवार को सुबह 11 बजे 'इंडिया टॉय फेयर 2021' का उद्घाटन करते हुए भारतीय निमार्ताओं से ऐसे खिलौने बनाने की अपील की, जो इकोलॉजी और साइकोलॉजी दोनों के लिए बेहतर हों. उन्होंने खिलौने में कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया. उन्होंने यह भी कहा है कि मेड इन इंडिया खिलौनों में भारत आत्मनिर्भर बनेगा.
यह भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की दुविधा, तारीखें घोषित लेकिन ऊहापोह बरकरार
प्रधानमंत्री ने खिलौना निर्माताओं से अपील कि खिलौनों में ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें, जिन्हें रिसाइकल कर सके. मोदी ने कहा, 'आज दुनिया में हर क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण और भारतीय विचारों की बात हो रही है. भारत के पास दुनिया को देने के लिए यूनिक पर्सपेक्टिव भी है. भारतीय दृष्टिकोण वाले खिलौनों से बच्चों में भारतीयता की भावना आएगी.' उन्होंने प्रतिभागियों से कहा, 'आप सभी से बात करके ये पता चलता है कि हमारे देश के खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है. इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि खिलौनों के साथ भारत का रिश्ता उतना ही पुराना है, जितना इस भूभाग का इतिहास. दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, वे भारत में खेलों को सीखते थे और अपने यहां खेलों को लेकर जाते थे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय खेल और खिलौनों की ये खूबी रही है कि उनमें ज्ञान होता है, विज्ञान भी होता है, मनोरंजन होता है और मनोविज्ञान भी होता है. जब बच्चे लट्टू से खेलना सीखते हैं तो लट्टू खेल खेल में ही उन्हें ग्रेविटी और बैलेंस का पाठ पढ़ा जाता है. गुलेल से खेलता बच्चा जाने-अनजाने में क्षमता से गतिज ऊर्जा के बारे में बेसिक सीखने लगता है. पजल टॉय से रणनीतिक सोच और समस्या को सुलझाने की सोच विकसित होती है.
यह भी पढ़ें : अब मिलावटखोरी की तो होगी उम्रकैद, मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला
उन्होंने कहा कि ज़्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और प्राकृतिक चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं. मोदी ने कहा कि अब देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में दर्जा दिया है. नेशनल टॉय एक्सन प्लान भी तैयार किया गया है. इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि ये उद्योग प्रतियोगी बने, देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बनें, और भारत के खिलौने दुनिया में भी जाएं. नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर आज मेड इन इंडिया की मांग है तो आज हैंडमेड इन इंडिया की डिमांड भी उतनी ही बढ़ रही है. मोदी ने कहा कि आज लोग खिलौनों को केवल एक प्रॉडक्ट के रूप में ही नहीं खरीदते हैं, बल्कि उस खिलौने से जुड़े अनुभव से भी जुड़ना चाहते हैं. इसलिए भारतीय हैंडमेड को बी प्रमोट करना है.
HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau