US प्रतिबंध को भारत का ठेंगा, दोस्त रूस से मिसाइल डिफेंस डील से पीछे नहीं हटेगी मोदी सरकार
मॉस्को पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद भारत का रूस के साथ रक्षा क्षेत्र में 'अटूट' सहयोग जारी रहेगा।
highlights
- मॉस्को पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद भारत का रूस के साथ रक्षा क्षेत्र में 'अटूट' सहयोग जारी रहेगा
- भारत ने अमेरिका को यह बता दिया है कि वह प्रतिबंध के बावजूद एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद से पीछे नहीं हटेगा
नई दिल्ली:
मॉस्को पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद भारत का रूस के साथ रक्षा क्षेत्र में 'अटूट' सहयोग जारी रहेगा।
भारत ने अमेरिका को यह बता दिया है कि वह प्रतिबंध के बावजूद एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद से पीछे नहीं हटेगा।
भारत ने वायु सेना के लिए रूस से एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद के लिए कीमत संबंधी बातचीत पूरी कर ली है। यह पूरा सौदा करीब 40,000 करोड़ रुपये में तय हुआ है।
सूत्रों ने कहा कि भारत इस सौदे को अमेरिकी कानून सीएएनटीएसए से अगल रखने के पक्ष में है और वह इस मुद्दे पर बातचीत के लिए भी तैयार है। दोनों देशों के बीच अगले महीने वाशिंगटन में 2+2 की बैठक होनी है, जिसमें इस मुद्दे को उठाया जा सकता है।
मोदी सरकार का चार साल पूरा होने के मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते में हमने उन्हें यह बता दिया है कि किस तरह से भारत और रूप के बीच लंबे समय से रक्षा सहयोग होता रहा है। यह अटूट संबंध है। हमने उन्हें बताया है कि सीएएटीएसए भारत और रूस के बीच होने वाले रक्षा सहयोग पर कोई असर नहीं डाल सकता।'
उन्होंने कहा कि भारत को रूस से रक्षा के क्षेत्र में काफी मदद मिली है और दोनों देशों के बीच यह सहयोग जारी रहेगा।
गौरतलब है कि जनवरी में अमेरिका ने 'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सिरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट' (सीएएटीएसए) के तहत मॉस्को पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिया था।
यह एक्ट अमेरिकी राष्ट्रपति को रूसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देता है।
भारत के रूस के साथ एस-400 डिफेंस सिस्टम डील पर आगे बढ़ने के बारे में पूछे जाने के सवाल का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस दिशा में लंबे समय से बातचीत होती रही है और अब यह निर्णायक चरण में पहुंच चुकी है।
भारत अपनी रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रूस से एयर डिफेंस सिस्टम की खरीदारी कर रहा है, जिसे चीन के साथ लगी 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रूस और भारत अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली बैठक से पहले इस सौदे की घोषणा कर सकते हैं।
अमेरिकी सांसद और विशेषज्ञ भारत को इस बात के लिए चेता चुके हैं कि अगर उन्होंने प्रतिबंध के बावजूद रूस से इस सिस्टम की खरीदारी की तो यह भारत और अमेरिकी रिश्तों के लिए घातक होगा।
एस-400 मिसाइल एस-300 का उन्नत संस्करण है। अलमाज-एन्टे निर्मित यह मिसाइल प्रणाली रूस में साल 2007 से सेवा में है।
और पढ़ें: राफेल डील में नहीं हुआ कोई घोटाला, आरोप राजनीति प्रेरित: सीतारमण
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