/newsnation/media/post_attachments/images/2017/03/01/96-ADDmsl.jpg)
भारत ने एड्वांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल शील्ड प्रणाली का सफल परीक्षण किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह परीक्षण बुधवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से इसका परीक्षण किया।
एक महीने के अंदर भारत ने इस तरह के दूसरे मिसाइल के परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले परीक्षण में 'पृथ्वी एयर डिफेंस' (पीएडी) प्रणाली जिसमें ज्यादा उंचाई पर आती मिसाइल को नष्ट किया जाता है। जिसमें 90 किलोमीटर की उंचाई पर दुश्मन यानि टार्गेट मिसाइल को नष्ट किया गया था। लेकिन इस बार एड्वांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) प्रणाली का परीक्षण किया गया है। जिसमें कम उंचाई पर मिसाइल नष्ट करने की क्षमता होती है। बुधवार को हुए परीक्षण में 15 किलोमीटर की उंचाई पर आती मिसाइल को नष्ट किया गया।
ये भी पढ़ें: अंतरिक्ष में भारत का अपना स्टेशन बनाने की पूरी क्षमता है: इसको चेय़रमैन
पिछले परीक्षण में पीडीवी इंटरसेप्टर और दो स्टेज वाली टार्गेट मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस प्रणाली को पूरी तरह से भारत में स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है।
पाक और चीन की तरफ से मिसाइल के खतरे के मद्देनज़र भारत इसे विकसित कर रहा है।
ये भी पढ़ें: इसरो सेटेलाइट लॉन्च: चीनी मीडिया ने बांधें तारीफों के पुल पर कहा भारत अब भी चीन से बहुत पीछे है
इंटरसेप्टर मिसाइल क्या होता है
इंटरसेप्टर मिसाइल एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से अपनी तरफ आ रही किसी भी मिसाइल को लक्ष्य पर पहुंचने के पहले ही काफी ऊपर हवा में नष्ट किया जा सकता है।
कैसे करता है काम
नेविगेशन सिस्टम, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्टिवेटर और कंप्यूटर की मदद से इसे संचालित किया जाता है। इसमें अपनी तरफ आ रही बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान रडर से की जाती है और उसके बाद इसके आंकड़ों से बैलिस्टिक मिसाइल के रास्ते का पता किया जाता है और उसके हिसाब से निर्देश इंटरसेप्टर मिसाइल में भेजा जाता है। निर्देश मिलते ही इंटरसेप्टर टार्गेट को भेदने के लिए लॉन्च हो जाता है।
ये भी पढ़ें: 'अगले कुछ दशकों के बाद भारत चंद्रमा से ऊर्जा लेने में सक्षम हो सकता है'
भारत का प्रोग्राम
भारत का 'इंडियन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम' शत्रु देश से आ रही बैलिस्टिक मिलाइल से सुरक्षा का है। जो कई चरणों में है। खासकर पाकिस्तान की तरफ से हमलों के खतरे को देखते हुए भारत ने दो टायर प्रणाली विकसित की है। जिसमें जमीन और समुद्र आधारित बैलिस्टिक मिसाइल है शामिल हैं। हाई एल्टीट्यूड यानी ज्यादा ऊंचाई पर इंटरसेप्शन करने के लिये 'पृथ्वी एयर डिफेंस' (पीएडी) मिसाइल है। इसके अलावा 'एड्वांस्ड एयर डिफेंस' (एएडी) प्रणाली जो कम उंचाई पर आ रही मिसाइल को इंटरसेप्ट करती है। इस दो टायर सिस्टम का उद्देश्य 5000 किलोमीटर दूर से हमले के लिये छोड़ी गई किसी भी आती हुई मिसाइल को नष्ट करना है। इस प्रणाली में अरली वॉर्निंग और ट्रैकिंग रडर्स हैं साथ ही कमाड और कंट्रोल पोस्ट भी शामिल किये गए हैं।
ये भी पढ़ें:इसरो ने जारी किया वीडियो, देखिए अंतरिक्ष में कैसे पीएसएलवी से एक-एक कर अलग हुए 104 सैटेलाइट्स
अमेरिका, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश है जिसके पास ये ट्क्नोलॉजी है।
ये भी पढ़ें: ISRO ने किया क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण, 400 टन के रॉकेट को अंतरिक्ष में छोड़ने में सक्षम
Source : News Nation Bureau