ओडिशा में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत ने सोमवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का ओडिशा तट पर सफल परीक्षण कर लिया। भारत-रूस की संयुक्त साझेदारी से तैयार यह मिसाइल कई सारे नई तकनीकों से लैस है।
नई दिल्ली:
भारत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के जीवनकाल को 10 से 15 वर्ष तक बढ़ाने के लिए सोमवार को पहला सफल परीक्षण किया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) के सूत्रों ने कहा, 'मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से पूर्वाह्न् 10.44 बजे मोबाइल लांचर के जरिए किया गया।'
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रह्मोस की टीम और डीआरडीओ को बालासोर के आईटीआर से इस परीक्षण को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए शुभकामनाएं दी है, जिसके जरिए भारत में पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल के जीवनकाल में बढ़ोत्तरी करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित हुई।
ब्रह्मोस भारत का ऐसा पहला मिसाइल है, जिसका जीवनकाल 10 से 15 वर्षो तक बढ़ाया गया है।
भारतीय सेना ने पहले ही ब्रह्मोस के तीन रेजिमेंट्स को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। सभी मिसाइल ब्लॉक-3 संस्करण से लैस हैं।
रक्षा मंत्री ने लिखा, 'इस सफल परीक्षण से भारतीय सशस्त्र बलों के बेड़े में शामिल मिसाइलों के प्रतिस्थापन लागत में काफी कमी आएगी।'
The successful test will result in huge savings of replacement cost of missiles held in the inventory of Indian Armed Forces. 2/2
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) May 21, 2018
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, हवा और जल तीनों जगह से लॉन्च किया जा सकता है।
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