पाकिस्तान को फिर मिला करारा जवाब, भारत ने दिखाया आईना: हरिवंश नारायण
उपसभापति हरिवंश ने कहा, इस बैठक की शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि, सिर्फ इसी विषय पर बात की जाएगी. कोई भी द्विपक्षीय मुद्दा नहीं उठाया जाएगा ,फिर भी पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापने से चुका नहीं
नई दिल्ली:
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण माले में आयोजित दक्षिण एशिया स्पीकर कॉन्फ्रेंस से स्वदेश लौट चुके हैं. इस दौरान उन्होंने न्यूज नेशन से खास बातचीत की और पाकिस्तान को लेकर कई अहम मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि, पाकिस्तान यहां भी एसटीजी के बजाय कश्मीर का राग अलापता रहा. दरअसल माले के पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा स्पीकर इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. यह दक्षिण एशिया की चौथी बैठक थी, जो स्पीकर्स के मध्य की जाती है . इसका मुख्य एजेंडा था सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल कि किस तरह से 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के निर्देशों पर पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सकता है और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास किया जा सकता है.
उपसभापति हरिवंश ने कहा, इस बैठक की शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि, सिर्फ इसी विषय पर बात की जाएगी. कोई भी द्विपक्षीय मुद्दा नहीं उठाया जाएगा ,फिर भी पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापने से चुका नहीं.
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पाकिस्तान को मिला करारा जवाब, भारत में दिखाया आईना
जब पाकिस्तानी स्पीकर की तरफ से कश्मीर का मुद्दा उठाया गया तो भारत की तरफ से उपसभापति हरिवंश ने शिष्टाचार दिखाते हुए, उन्हें द्विपक्षीय मुद्दा ना उठाने की बात कही. इसपर पाकिस्तान से आई महिला स्पीकर ने कश्मीर में मानव अधिकार का मुद्दा उठाया, तब हरिवंश ने पाकिस्तान के एजेंडे को तार-तार करते हुए बांग्लादेश की स्पीकर की तरफ इशारा करते हुए बताया कि पाकिस्तान ने नरसंहार किया है ,इसी की वजह से बंगलादेश का जन्म हुआ है. पाकिस्तान का नरसंहार उनके अपने देश बलूचिस्तान में भी नजर आता है. यहां तक कि पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति सबसे खराब है.
पाकिस्तान में आज 2% से भी कम अल्पसंख्यक जनसंख्या है ,जबकि भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति दुनिया के सामने हैं. पाकिस्तान में हमारी एक लड़की का अपहरण कर दिया जाता है और सरकार कुछ नहीं कर पाती, फिर पाकिस्तान कम से कम भारत के सामने मानव अधिकार की दलील ना दें.
हरिवंश ने कहा- पूरी टीम ने किया अपना काम
दरअसल अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला मौका था जब भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनेता एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर आमने-सामने थे. उपसभापति हरिवंश के माने तो ओम बिड़ला भारतीय शिष्टमंडल की अध्यक्षता कर रहे थे और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की तरफ से उन्हें इस कॉन्फ्रेंस में जाने के लिए कहा गया था. जब लंच से ठीक पहले पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया तो भारत की पूरी टीम ने एक साथ मिलकर काम किया. इसमें भारत के राजनयिक, भारत के राजनेता, भारत के राजदूत शामिल थे और पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया गया, जिससे पाकिस्तान की खामियां विश्व मंच पर सार्वजनिक हो गईं.
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जेपी के गांव से आता हूं सच ही कहूंगा - हरिवंश
हरिवंश नारायण ने कहा, जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान और मौजूदा बांग्लादेश में बंद बंधुओं के ऊपर पाकिस्तान ने जनोसाइड करने की शुरुआत की, तब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जयप्रकाश नारायण को खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भेजा था. जेपी अमेरिका से पढ़े थे और समाजवादी विचारधारा वाले नेता थे. गांधी के बाद उनमें सबसे ज्यादा नैतिक बल था और उन्होंने ही पाकिस्तान की हकीकत दुनिया के सामने रखी. मैं भी जयप्रकाश नारायण के गांव से आता हूं, इसलिए मेरा भी फर्ज था कि अपने सच से पाकिस्तान को आइना दिखाऊं.
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