भारत को अपने सुरक्षा साझेदारों के साथ अंतर-संचालित व्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए : जस्टर

जस्टर ने कहा, 'उद्योगों के बीच परस्पर सहयोग बढाने तथा भारत सरकार, अमेरिका और भारतीय उद्योग के साथ सामंजस्य कर समाधान तैयार करने की राह में आने वाली 'बाधाओं' की पहचान करना हमारा लक्ष्य है

जस्टर ने कहा, 'उद्योगों के बीच परस्पर सहयोग बढाने तथा भारत सरकार, अमेरिका और भारतीय उद्योग के साथ सामंजस्य कर समाधान तैयार करने की राह में आने वाली 'बाधाओं' की पहचान करना हमारा लक्ष्य है

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Ravindra Singh
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भारत को अपने सुरक्षा साझेदारों के साथ अंतर-संचालित व्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए : जस्टर

कीनेथ जस्टर( Photo Credit : ANI)

भारत-अमेरिका के बीच अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों पर औद्योगिक साझेदारी की असाधारण क्षमता होने की बात करते हुए देश में अमेरिकी राजदूत ने मंगलवार को कहा कि भारत को ऐसी व्यवस्था की ओर बढना चाहिए, जो उसके सुरक्षा साझेदारों के साथ अंतर-संचालित हो. राजदूत केनेथ आई जस्टर ने बुधवार से शुरू हो रहे पांच दिवसीय 'डिफेन्स एक्सपो' की पूर्वसंध्या पर यहां संवाददाताओं से कहा, हमारा मानना है कि भारत को ऐसी व्यवस्था की ओर बढना चाहिए, जो उसके सुरक्षा साझेदारों के उपकरणों और नेटवर्क के साथ अंतर-संचालित होती हो.

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जस्टर ने कहा, 'उद्योगों के बीच परस्पर सहयोग बढाने तथा भारत सरकार, अमेरिका और भारतीय उद्योग के साथ सामंजस्य कर समाधान तैयार करने की राह में आने वाली 'बाधाओं' की पहचान करना हमारा लक्ष्य है ताकि हम नजदीकी रक्षा संबंध विकसित कर सकें.' भारत सरकार की रक्षा प्रदर्शनी के 11वें संस्करण में जस्टर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक उपकरण देखने का अवसर ही दर्शकों को डिफेंस एक्सपो (रक्षा प्रदर्शनी) की ओर आकर्षित करता है. उन्होंने कहा, प्रदर्शनी एक कंपनी को दूसरे के मिलने और नजदीकी संबंध विकसित करने का भी अवसर देता है. यही भारत—अमेरिकी संबंध का महत्वपूर्ण स्तंभ है.

जस्टर ने कहा, 'उत्तर प्रदेश और भारत में अन्य जगहों की अपनी यात्राओं के दौरान मैंने पाया कि अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों को लेकर दोनों देशों के बीच उद्योग साझेदारी की क्षमता असाधारण है.' उन्होंने कहा कि फिलहाल इस प्रदर्शनी में शामिल हो रही अमेरिकी कंपनियां ना सिर्फ हमारे देश की सेनाओं बल्कि साझेदार देशों के लिए भी रक्षा उपकरण बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे सहित भारत की विभिन्न कंपनियों के साथ समझौते कर रही हैं.

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जस्टर ने उदाहरण दिया कि टाटा ने सी—130 के 'टेल' (विमान का पिछला हिस्सा) और एफ—16 के 'विंग्स (डैने) यहीं बनाने के लिए लाकहीड मार्टिन से साझेदारी की है जबकि एएच—64 अपाचे का ढांचा हैदराबाद में बनाने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड :एचएएल: के साथ बोइंग साझेदारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ अमेरिकी रक्षा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है और हमारी कंपनियों के बीच रक्षा कारोबार से भारत में स्किल्ड :कौशल वाले: रोजगार पैदा हो रहे हैं. भविष्य में हम भारत के साथ अपने रक्षा संबंध और मजबूत करने की उम्मीद रखते हैं.

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प्रदर्शनी में अमेरिका को आमंत्रित करने के लिए भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग की प्रतिभा और नयेपन को देखने का यह बेहतरीन अवसर है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारा बनने के साथ ही हम भारत के साथ अपने सहयोग को विस्तार देने के अवसर तलाशेंगे. भाषा अमृत अर्पणा अर्पणा

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