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चीन ने चुपके से भारत में छोड़ा पानी, ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी का हाइड्रोलॉजिकल डाटा नहीं किया शेयर

डाकोला सीमा पर जापान का चीन के खिलाफ समर्थन मिलने के बाद भारत ने शुक्रवार को चीन के साथ वर्तमान स्थिति पर बात करते हुए कहा कि चीन ने 15 मई से ब्रह्मपुत्र नदी का हाइड्रोलिजिकल डाटा साझा नहीं किया है, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।

Updated on: 19 Aug 2017, 01:38 PM

नई दिल्ली:

चीन ने पहली बार ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी से भारत में पानी छोड़ने को लेकर कोई डाटा (हाइड्रोलॉजिकल डाटा) शेयर नहीं किया है।

भारत के उत्तर-पूर्व इलाक़े में लगभग दो हफ़्ते से नदियों ने विकराल रुप धारण कर लिया है और यूपी, बिहार, असम और बंगाल जैसे कई राज्यों में बाढ़ से लगभग 300 लोगों की मौत हो गई है जबकि करोड़ों की संख्या में लोग प्रभावित हैं।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'हर साल मानसून के मौसम में 15 मई से 15 अक्टूबर के बीच हाइड्रोलॉजिकल डाटा साझा किया जाता है। यह आंकड़ा अभी तक साझा नहीं किया गया है।' 

उन्होंने कहा कि डाटा साझा करने के लिये 2013 और 2015 में दोनों देशों के बीच दो समझौते हुये हैं। लेकिन इस साल अब तक चीन ने भारत को सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदियों में पानी छोड़ने को लेकर कोई हाइड्रोलॉजिकल डाटा नहीं दिया है, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।

हाइड्रॉलॉजिकल डाटा हर मानसून में ऊपरी राज्यों द्वारा निचली नदी के राज्यों को काम करने के लिए साझा किया जाता है, ताकि पानी के प्रवाह का अनुमान लगाया जा सके और बाढ़ से निपटने के लिए समय रहते उचित उपाय किए जा सकें।

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गौरतलब है कि यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि चीन भारत को घेरने और आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए जान बूझकर ब्रह्मपुत्र नदी में तिब्बत के रास्ते पानी छोड़ रहा है, जिस कारण बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गये हैं।

हालांकि, कुमार ने कहा,' चीन द्वारा हाइड्रोलॉजिकल डाटा का साझा न करने के कदम को मौजूदा स्टैंड-ऑफ के साथ लिंक नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके तकनीकी कारण भी हो सकते हैं। इसे मौजूदा स्टैंडऑफ से जोड़ना बचकाना होगा।'

उन्होंने कहा चीन ने सतलुज नदी के लिए भी हाइड्रोलॉजिकल डाटा साझा नहीं किया है।

भारत ने लद्दाख के पांगोंग झील में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मुठभेड़ की घटना की पुष्टि करते हुए कहा, 'यह दोनो पक्षों के हितों में नही है, शांति और सिर्फ शांति ही हर समस्या का समाधान है।' 

कुमार ने 3 सितंबर से 5 सितंबर तक चीन के ज़ियामेन शहर में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।

चीन की आधिकारिक मीडीया सिन्हुआ की तरफ से जारी नस्लभेदी वीडियो पर सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्री के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'मैं इस पर कोई टिप्पणी करके इस वीडियो को अहमियत नहीं देना चाहता हूं।'

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