logo-image

पैंगोंग विवाद पर भारत की दो टूक- LAC पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार

LAC पर भारत-चीन (India-China Dispute) के बीच तनाव बरकरार है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने पैंगोंग विवाद (Pangong dispute) पर चीन (China) को कहा कि LAC पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार है.

Updated on: 03 Sep 2020, 05:56 PM

नई दिल्‍ली:

LAC पर भारत-चीन (India-China Dispute) के बीच तनाव बरकरार है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने पैंगोंग विवाद (Pangong dispute) पर चीन (China) को कहा कि LAC पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार है. चीन तनाव कम करने के मुद्दे पर विचार करना चाहिए. इसे लेकर सैन्य और राजनायिक स्तर पर वार्ता जारी है. चीन सीमा से पीछे हटने पर भी गंभीरता से विचार करे.

विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर कहा कि जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए. यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं. चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है.

विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ सीमा विवाद पर कहा कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी, भारत संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटकर सीमा पर तेजी से शांति बहाली के लिए गंभीरता से भारतीय पक्ष का साथ दे.

पाकिस्तानी अदालत ने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर भारत को एक और मौका देने को कहा

पाकिस्तान की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को संघीय सरकार को निर्देश दिया कि कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर वह भारत को एक और मौका दे. इसके साथ ही अदालत ने मामले में सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित कर दी.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जाधव के लिए एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा की समीक्षा की सुनवाई के दौरान वकील की नियुक्ति के मुद्दे पर गौर किया. भारतीय सेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में "जासूसी और आतंकवाद" के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने अदालत से कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेशों का पालन करने के लिए पाकिस्तान ने भारत को ‘कांसुलर’ पहुंच प्रदान किया. हालांकि उसने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया है.

अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद सरकार को आदेश दिया कि वह जाधव पर आदेश भारत को भेजे. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी.