सस्ती विमानन सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी, स्पाइसजेट ने सोमवार को आंशिक रूप से जैव-ईंधन संचालित देश की पहली परीक्षण उड़ान का सफलतापूर्वक परिचालन किया। मिश्रित जैव-ईंधन के साथ विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) के मिश्रण से लैस स्पाइसजेट के क्यू400 उड़ान संख्या वाले विमान ने सोमवार को उड़ान भरी। इस विमान ने देहरादून से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल 2 पर इस विमान की अगवानी प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और विमानन कंपनी के शीर्ष प्रबंधन ने की।
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, 'सरकार 2035 तक एक पर्यावरण अनुकूल विमानन कार्ययोजना बनाएगी।' यह सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एटीएफ की अधिक कीमत होने के कारण भारतीय विमानन क्षेत्र की सभी दिग्गज कंपनियां 2018-19 की पहली तिमाही में घाटा होने की बात कह रही हैं।
फिलहाल, ईंधन कीमत घरेलू विमानन की कुल परिचालन लागत का 50-55 प्रतिशत है। दुनिया के जिन देशों में एटीएफ की कीमत सर्वाधिक है, उसमें भारत भी शामिल है, क्योंकि यहां राज्य लेवी और कर जुड़ जाते हैं।
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जहाजरानी उद्योग में इस्तेमाल होने वाले बंकर ईंधन की तरह ईंधन जीएसटी के दायरे में नहीं आता।
विमान के यहां पहुंचने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'एटीएफ के साथ जैव-ईंधन का मिश्रण करने की नीति, उपयोग और मानकीकरण पर कैबिनेट ने संज्ञान लिया है और इसे जल्द ही तैयार किया जाएगा।'
Source : IANS