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राइफल AK 203 : भारत रूस 2+2 डायलॉग की तारीख और एजेंडा तय 

6 दिसंबर से ही रूसी राष्ट्रपति पुतीन की भारत यात्रा शुरू होगी और उसी दिन 2+2 के फॉर्मेट में इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है.

Updated on: 26 Nov 2021, 04:25 PM

नई दिल्ली:

भारत और रूस के बीच 2+2 डायलॉग 6 दिसंबर को होगा. रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत यात्रा के साथ यह दोनों देशों के बीच सबसे महत्त्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे, जबकि रूस की ओर से रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सेर्गेई शोइगू शामिल होंगे. इस बैठक में उम्मीद है कि रूसी राइफल AK 203 के भारत में निर्माण पर सहमति बनेगी. यह डील लगभग 5000 करोड़ की होगी, जिसके तहत 700000 राइफल बनेंगे.

जानकारी के मुताबिक, 6 दिसंबर से ही रूसी राष्ट्रपति पुतीन की भारत यात्रा शुरू होगी और उसी दिन 2+2 के फॉर्मेट में इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है. मतलब साफ है कि मोदी और पुतिन के बीच होने वाले सम्मिट के ठीक पहले दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री डिफेंस डील को मूर्त रूप देंगे. साथ ही इसी बैठक में अफगानिस्तान सहित अन्य वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण चर्चा होगी, जिसमें भारत और रूस तय करेंगे कि अफगानिस्तान की जमीन पर उनकी अगली रणनीति क्या होगी, आतंक के खिलाफ किस रणनीति से काम किया जाएगा, अफगानिस्तान की जमीनी पर पाकिस्तान और चीन के प्रभाव को कैसे कम किया जाएगा और किस तरह से सेंट्रल एशिया के वैश्विक हितों को साधा जाएगा. 

इससे पहले ये बैठक सितंबर के महीने के रूस में ही होनी थी, लेकिन कोविड के कारण टल गई थी. 2+2 के फॉर्मेट में भारत और यूएस के तर्ज पर भारत और रूस के बीच होने वाली यह बैठक कई मायनों में खास है. इस बैठक के ठीक पहले रूस ने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी शुरू कर दी है. यह डिलीवरी इस मायने में बेहद खास है क्योंकि कई वर्षों से अमेरिकी कानून काटसा इसकी राह में रोड़ा बनकर खड़ा था. भारत और अमेरिक के बीच संबंधों का प्रभाव रूस और भारत के संबंधों पर भी साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन भारत जानता है कि अमेरिका आज की तारीख में भारत का प्रगाढ़ मित्र है जबकि रूस एक दौर से भारत का ऑल वेदर फ्रेंड रहा है.

भारत की विदेश नीति भी इस बात का परिचायक है कि दो देशों के बीच के रिश्ते का प्रभाव तीसरे देश के रिश्ते पर नहीं होना चाहिए. यानी अब न्यू इंडिया किसी भी कीमत पर अमेरिकी संबंधों की छाया रूस के साथ अपने पारम्परिक संबंधों पर नहीं पड़ने देना चाहता. 2+2 डायलॉग और मोदी पुतीन की सम्मिट दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्य्याय जोड़ेगी.