भारत ने करतारपुर तीर्थयात्रियों से शुल्क वसूली की पाकिस्तान की मांग ठुकराई, जानें क्यों

सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे (कॉरिडोर) के संचालन से संबंधित तौर-तरीकों पर तीसरे दौर की वार्ता में भी कोई समझौता नहीं हो सका.

सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे (कॉरिडोर) के संचालन से संबंधित तौर-तरीकों पर तीसरे दौर की वार्ता में भी कोई समझौता नहीं हो सका.

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Deepak Pandey
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भारत ने करतारपुर तीर्थयात्रियों से शुल्क वसूली की पाकिस्तान की मांग ठुकराई, जानें क्यों

करतारपुर गुरुद्वारा कॉरिडोर (फाइल फोटो)

सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे (कॉरिडोर) के संचालन से संबंधित तौर-तरीकों पर तीसरे दौर की वार्ता में भी कोई समझौता नहीं हो सका. भारत ने तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क (सर्विस फीस) लेने की पाकिस्तान की मांग को खारिज कर दिया. पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के माध्यम से आने-जाने वाले श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वसूलने का प्रस्ताव रखा था.

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विदेश मंत्रालय (एमईए) के एक बयान में कहा गया है, "कुछ खास मुद्दों पर मतभेदों के कारण समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका." बयान में कहा गया, "पाकिस्तान ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क लेने पर जोर दिया है, जो गलियारे की सुगम और आसान पहुंच के लिए सहमत होने वाली बात नहीं है."

मंत्रालय ने कहा, "पाकिस्तान ने गुरुद्वारा परिसर में भारतीय कांसुलर या प्रोटोकॉल अधिकारियों की उपस्थिति की अनुमति देने में भी अनिच्छा जताई है." दोनों देशों ने गलियारे के माध्यम से बिना किसी प्रतिबंध के प्रति वर्ष पांच हजार भारतीय श्रद्धालुओं को धर्म के आधार पर बिना वीजा यात्रा करने पर पहले सहमति जता चुके हैं.

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गृह मंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने अटारी में संवाददाताओं से कहा, "हमें उम्मीद है कि समझदारी आएगी और दोनों मुद्दों को हल कर लिया जाएगा, विशेष रूप से सेवा शुल्क वाले मुद्दे को." अटारी-वाघा बॉर्डर पर (भारत की तरफ) बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत हुई.

भारत-पाकिस्तान के बीच हुई इस वार्ता में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर नवंबर में करतारपुर साहिब गलियारा खोलने के लिए समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने की उम्मीद थी. करतारपुर साहिब गलियारा भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के नरोवाल में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ता है.

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