चीन ने चला नया कुटिल पैतरा, भारत ने दिया करारा जवाब
भारत सरकार ने पूर्वी लद्दाख सीमा की आठ चोटियों को 'नो ट्रूप एरिया' घोषित करने के प्रस्ताव को दो-टूक खारिज कर दिया.
नई दिल्ली:
लद्दाख गतिरोध को दूर करने की बातचीत के क्रम में चीन लगातार कुछ न कुछ ऐसा कर रहा है, जो वास्तविक समाधान की राह में रोड़ा बन रहा है. इस बार चीन ने तनाव कम करने के नाम पर एक ऐसी चाल चली, जिससे भारत की सीमा पर स्थिति कमजोर होती. यही वजह है कि भारत सरकार ने पूर्वी लद्दाख सीमा की आठ चोटियों को 'नो ट्रूप एरिया' घोषित करने के प्रस्ताव को दो-टूक खारिज कर दिया. यह वह इलाका है जो सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है औऱ हालिया दौर में तनाव के बीच इनमें से अधिकतर चोटियों पर भारतीय सेना ने कब्जा है.
चीन का प्रस्ताव वास्तव में एक कुटिल चाल
अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार वास्तव में चीन ने चीन ने पूर्वी लद्दाख की सीमा पर स्थित आठ चोटियों, जो पैंगॉन्ग झील को घेरे हुए हैं, को 'नो मैंन्स लैंड' या फिर 'नो एक्टिविटी बफर जोन' घोषित करने का प्रस्ताव दिया है. चीन का यह प्रस्ताव भारत के लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं हो सकता. 5 मई 2020 को चीनी सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए 30 साल पहले किए गए लिखित समझौते का उल्लंघन करने से पहले इन आठ चोटियों में आधी से ज्यादातर भारत के ही नियंत्रण में थीं. भारतीय सैनिक इन आठों चोटियों में गश्त करते थे. अब चीनी सेना के कमांडर शांति के नाम पर भारतीय सेना को पीछे जाने का प्रस्ताव देकर करीब छह महीने पहले ही भारत के नियंत्रण में रहे इस इलाके को नो ट्रूप एरिया घोषित करना चाहते हैं.
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5 मई से पहले की स्थिति हो बहाल-भारतीय पक्ष
हाल-फिलहाल भारतीय और चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी फिंगर-4 पर एक दूसरे के सामने तैनात हैं. उधर, चीन फिंगर-8 तक निर्माण कार्य कर रहा है. भारतीय सेना और चीनी सेना गोग्रा हॉट स्प्रिंग एरिया तक तैनात हैं. एक सैन्य अधिकारी ने कहा है, 'चीनी सेना के इस प्रस्ताव को हमने अस्वीकृत कर दिया है. हम चीन को एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए लिखित नियम का उल्लंघन करने के लिए पुरस्कृत नहीं कर सकते हैं. हम चाहते हैं कि चीनी सेना 5 मई 2020 से पहले जिस स्थान पर थी, वहीं वापस लौट जाए.'
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नरवणे ने किया सीमा का दौरा
बुधवार को आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख के इलाकों का दौरा किया. इनमें कैलाश रेंज की रेजगांग ला और रेचिन चोटियां भी शामिल थीं. यह वही चोटियां हैं जिन पर 29 अगस्त को भारतीय सेनाओं ने कब्जा जमाया था. दरअसल. वहां आर्मी चीफ बर्फीली चोटियों पर तैनात सैनिकों की स्थिति जानने गए थे. उन्होंने लौटकर कहा कि वहां तैनात सभी सैनिक फिट हैं.
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