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नगरोटा पर पाकिस्तान को फिर बेनकाब करेगा भारत, राजदूतों को दी जानकारी

जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद करने के बाद भारत अब पाकिस्तान की नापाक भूमिका को पूरी दुनिया के सामने लाने की मुहिम में जुट गया है.

Updated on: 24 Nov 2020, 01:15 PM

नई दिल्ली:

नगरोटा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद करने के बाद भारत अब पाकिस्तान की नापाक भूमिका को पूरी दुनिया के सामने लाने की मुहिम में जुट गया है. नगरोटा हमले में मारे गये आतंकियों ने जो सबूत छोड़े हैं और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जो सबूत बरामद किया है उसे दुनिया के तमाम देशों के सामने लाया जा रहा है. इस कोशिश की कमान स्वयं विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने संभाल ली है. इस कड़ी में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के चार स्थाई सदस्यों के नई दिल्ली स्थित राजदूतों को नगरोटा हमले की साजिश से जुड़ी जानकारी मुहैया कराई. चीन के राजदूत को इस ब्रीफिंग में शामिल नहीं किया गया.

कोविड से इतर दी जा रही जानकारी
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में विदेशी मिशनों के साथ बातचीत काफी हद तक कोविड महामारी को लेकर सीमित रही है, लेकिन नगरोटा हमले की साजिश की संवेदनशीलता को देखते हुए भारत ने इस बारे में सारी जानकारी दूसरे देशों से साझा कर रहा है. कोविड की वजह से छोटे-छोटे समूहों में विदेशी राजनयिकों को ब्रीफिंग दी जा रही है. विदेश सचिव ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन व फ्रांस के राजनयिकों को ब्रीफिंग दी है तो दूसरे सचिव अपने क्षेत्र के राजनयिकों को इस बारे में सूचना उपलब्ध करा रहे हैं. कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ ज्यादा से ज्यादा यह जानकारी साझा की जाए. 

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हर छोटी-बड़ी जानकारी हो रही साझा
भारत नगरोटा हमले की साजिश से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी मसलन किस तरह से आतंकवादियों ने कश्मीर में प्रवेश किया, उनके पास कैसे हथियार थे और उनके पास पाकिस्तान से कैसे संपर्क थे, उपलब्ध करा रहा है. भारत यह भी बता रहा है कि स्थानीय पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने जो हथियार व अन्य साजो-समान पकड़े हैं, वो कैसे बता रहा है कि मारे गये आतंकियों के संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ थे. उक्त सूत्रों का कहना है कि मारे गये आतंकियों की पूरी तैयारी भारत में फरवरी, 2019 में किये गये पुलवामा हमले की तरह ही एक बड़ा आतंकी हमला करने की थी. इस हमले से आतंकी एक तो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर में चल रहे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को धवस्त करना चाहते थे दूसरा वर्ष 2008 के मुंबई हमले की बरसी पर संदेश भी देना चाहते थे.

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दूसरे देशों को भी दी गई ब्रीफिंग
सभी मिशनों व राजदूतों को यह भी बताया जा रहा है कि इस तरह के आतंकी हमले के सफल होने के कैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं. और कैसे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष किये गये अपने वादे से मुकर रहा है और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहा. बताते चलें कि दो दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सम्मन कर विदेश मंत्रालय बुलाया था और इस आतंकी हमले में पाकिस्तान के हाथ होने पर उन्हें फटकार भी लगाई थी. सनद रहे कि पिछले गुरुवार को भारतीय सुरक्षा बलों ने नगरोटा में चार आतंकियों को मार गिराया था.

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मसूद अजहर रच रहा षड्यंत्र
नगरोटा में बेहद प्रशिक्षित चार आतंकियों को जिस तरह से पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ कराया गया है उससे भारतीय खुफिया एजेंसियों को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का हाथ दिख रहा है. मसूद अजहर अभी कहां हैं, इसको लेकर पाकिस्तान ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. जब से संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया है तभी से पाकिस्तान में उसकी कोई खोज खबर नहीं है. उसके पहले तक पाकिस्तान के मीडिया में उसके बहावलपुर स्थिति मस्जिद को लेकर भी खबरें आती थी लेकिन अब कहीं भी उसके बारे में कोई सूचना लीक नहीं की जाती है. माना जा रहा है कि अजहर पाकिस्तान सेना की शह पर अपने भाई के साथ मिल कर कश्मीर में हमले करने वाले आतंकियों की नई जमात तैयार करने में जुटा है.