अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर, रिकवरी रेट 95 फीसदी से अधिक

कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि भारत में 10 प्रति लाख मृत्यु सिर्फ 10 तक पहुंच गई है. प्रति सप्ताह के 24 हजार के आसपास पहुंच गए हैं.

कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि भारत में 10 प्रति लाख मृत्यु सिर्फ 10 तक पहुंच गई है. प्रति सप्ताह के 24 हजार के आसपास पहुंच गए हैं.

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Sushil Kumar
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स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस( Photo Credit : ट्विटर ANI)

कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि भारत में 10 प्रति लाख मृत्यु सिर्फ 10 तक पहुंच गई है. प्रति सप्ताह के 24 हजार के आसपास पहुंच गए हैं. प्रति सप्ताह मृत्यु भी 343, देश में एक्टिव के 3 प्रतिशत से कम है. रिकवरी रेट 95 फीसदी से अधिक है. देश में 26 राज्य ऐसे हैं, जहां 1000 से कम एक्टिव केस रह गए हैं. डॉ. पॉल ने कहा कि यूरोप और अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति पहले से बेहतर हुई है. हम कोविड-19 प्रोटोकॉल में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए. 

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ब्रिटेन में वायरस की म्यूटेशन पर सरकार ने कदम उठाए हैं. कई बार भारत के आरएनए में बदलाव आता है और कई बार तो इतना बदलाव आता है कि 1 साल के बाद वैक्सीन नहीं बदलनी पड़ती है. कोविड-19 में अभी तक 17 किस्म के चेंज आए हैं. ब्रिटेन के नए तरीके वायरस में संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाने की गति में बढ़ोतरी देखने को मिली है. नई तरह का संक्रमण एक सुपर स्प्लेंडर की तरह है. अभी तक की शोध के अनुसार नए संक्रमण से बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं हुई है. मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है. लेकिन संक्रमण का विस्तार पहले से तेज गति से हो रहा है. ब्रिटेन में फैले नए संक्रमण के म्यूटेशन से करोना के इलाज और ट्रीटमेंट पर कोई अंतर नहीं आएगा. 

वैक्सीनेशन यानी टीकाकरण पर इसका कोई असर नहीं होगा. अब भारत में जेनेटिक सीक्वेंसिंग का काम पहले से अधिक व्यापक स्तर पर किया जा रहा है. यह फैसला कल की आपातकालीन बैठक के बाद लिया गया है. ब्रिटेन से लौटने वाले सभी यात्रियों का आर्टिफिशियल टेस्ट अनिवार्य है. पॉजिटिव आने पर इंस्टीट्यूशनल क्वरंटाइन किया जाएगा. अभी डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन विजिलेंस होने की आवश्यकता है. नई म्यूटेशन से अधिक मृत्यु दर अस्पताल में इलाज करने वाले मरीजों की संख्या या घातक करोना संक्रमण का अभी कोई साक्ष्य नहीं मिला है. 

एयरपोर्ट पर सिर्फ आरटी पीसीआर टेस्ट किया जाएगा. जिसके बाद आईसीएमआर सीएसआईआर के द्वारा उनके जीनोम का शोध होगा. जिससे पता चल सके कि यह संक्रमण क्या ब्रिटेन के म्यूटेशन से जुड़ा हुआ तो नहीं है. 25 नवंबर से लेकर 23 दिसंबर के बीच जो भी यात्री ब्रिटेन से भारत लौटे हैं. उनकी सूची राज्य सरकारों और जिला प्रशासन को दी जाएगी. ताकि वह आगे कार्यवाही करें और सुनिश्चित करें कि संक्रमण ना पहले

Source : News Nation Bureau

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