भारत की बड़ी जीत, किशनगंगा और रातले पर भारत को पावर प्रोजेक्ट को मिली विश्व बैंक की मंज़ूरी

भारत को बड़ी जात मिली है। विश्व बैंक ने झेलम और चेनाब नदी की सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति भारत को दे दी है।

भारत को बड़ी जात मिली है। विश्व बैंक ने झेलम और चेनाब नदी की सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति भारत को दे दी है।

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pradeep tripathi
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भारत की बड़ी जीत, किशनगंगा और रातले पर भारत को पावर प्रोजेक्ट को मिली विश्व बैंक की मंज़ूरी

किशनगंगा हाइड्रोपावर परियोजना

भारत को बड़ी जीत मिली है। विश्व बैंक ने झेलम और चेनाब नदी की सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति भारत को दे दी है। पाकिस्तान ने किशनगंगा (330 मेगावाट) और रातले (850 मेगावाट) हाइड्रोपावर परियोजना का विरोध कर रहा था।

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भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता को लेकर सचिव स्तर की बातचीत विश्व बैंक में हुई।

विश्व बैंक ने कहा, 'समझौते की विभिन्न शर्तों के अनुसार भारत को अन्य इस्तेमाल के साथ ही हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर निर्माण करने का अधिकार है।' इसके साथ ही विश्व बैंक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की वार्ता काफी सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई।

दोनों ही पक्षों ने बातचीत को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है। सितंबर में दोनों पक्ष एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

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विश्व बैंक ने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तान ने पावर प्रोजेक्ट के डिज़ाइन को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि उसकी चिंताओं को अदालत के माध्यम से हल किया जाए।

भारत ने पाकिस्तान की आपत्तियों पर एक निष्पक्ष विशेषज्ञ नियुक्त करने की मांग की। भारत का कहना है कि पाकिस्तान की आपत्तियां तकनीकी हैं।

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Source : News Nation Bureau

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