भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हथियारों से जुड़े हादसों का खतरा कम करने हुए समझौते को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है। समझौते के तहत दोनों देश अपने क्षेत्र में परमाणु हथियार से हादसा होने पर दूसरे को सूचना देंगे।
इस स्थिति में विदेश सचिवों के हॉटलाइन, डिप्लोमैटिक लिंक या और किसी भी चैनल का इस्तेमाल किया जाएगा। यह समझौता पहली बार 2007 में किया गया था, जिसे 2012 में बढ़ाया गया था जिसे एक बार फिर बढ़ा दिया गया है।
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दोनों देशों के बीच 1988 में समझौता हुआ था कि वे एक दूसरे के परमाणु ठिकानों पर हमला नहीं करेंगे। परमाणु ठिकानों की सूची सौंपने पर भी सहमति बनी और 1992 से दोनों देश हर साल सूची सौंप रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau