भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कुवैत के विदेश मंत्री से विभिन्न मसलों पर विस्तार से बातचीत कर दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्वता व्यक्त की है।
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने पश्चिम एशिया की राजनीतिक स्थिति, अफगानिस्तान की नव राजनीतिक एवं प्रशासनिक स्थिति तथा भारत प्रशांत क्षेत्र के भू- राजनीतिक मसलों पर भी चर्चा की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवैती विदेश मंत्री अहमद नासिर मोहम्मद अल सबाह से द्विपक्षीय मसलों के अलावा भारत-कुवैत संयुक्त आयोग की अगली बैठक का एजेंडा तय करने पर भी विचार विमर्श किया।
श्री जयशंकर ने बातचीत के बाद ट्वीट कर कहा कुवैत के विदेश मंत्री से बात कर अच्छा लगा, हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की गई ,हमारे संयुक्त आयोग की शीघ्र बैठक पर सहमति हुई। इसके साथ ही पश्चिम एशिया और खाड़ी से लेकर अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय स्थितियों के बारे में भी चर्चा की गई।
गौरतलब है कि वर्ष 2006 में कुवैत के अमीर की भारत यात्रा के बाद, दोनों देश आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर भारत-कुवैत संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग स्थापित करने पर सहमत हुए थे।
कुवैत और भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के सदस्य हैं। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर समान विचार साझा करने के अलावा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक दूसरे के साथ सहयोग करते रहे हैं। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय चर्चा और परामर्श उनके संबंधों की एक नियमित विशेषता है।
कुवैत और भारत के बीच शुरू से ही सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। भौगोलिक निकटता, ऐतिहासिक व्यापार संबंध, सांस्कृतिक समानताएं आदि ने दशकों से चले आ रहे संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में काफी मदद की है।
कुवैत में 1961 तक भारतीय रुपया कानूनी तौर पर कारोबार के लिए मान्य था। कुवैत के गृह मंत्रालय के अनुसार, कुवैत में इस समय लगभग 900,000 भारतीय हैं, जो देश में सबसे बड़े प्रवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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Source : IANS