भारत ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में मजबूती के लिए रक्षात्मक, चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन तेज किया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि जून 2020 तक 75 हजार वेंटीलेटरों की संभावित मांग हो सकती है. उन्होंने कहा कि दो करोड़ पीपीई की संभावित मांग के मद्देनजर 2.22 करोड़ पीपीई के लिए ऑर्डर दिए गए हैं.
दिल्ली:
भारत ने कोविड -19 (COVID-19) महामारी के खिलाफ लड़ाई में और अधिक मजबूती लाने तथा इन वस्तुओं के लिए विदेशों पर निर्भरता कम करने के लिए रक्षात्मक एवं चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन तेज कर दिया है. केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि 2.22 करोड़ व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के लिए ऑर्डर दिए गए हैं, जिनमें 1.43 करोड़ का निर्माण घरेलू विनिर्माता करेंगे और शेष का आयात किया जाएगा. कोरोनावायरस (Corona Virus) से निपटने में इस्तेमाल होने वाले इन सुरक्षा उपकरणों के स्वेदश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत यह कदम उठाया गया है.
देश में कोविड-19 से जुड़े विषय पर अधिकार प्राप्त समूह-3 के प्रमुख पी डी वाघेला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में करीब 19,398 वेंटिलेटर उपब्लध हैं तथा 60,884 और वेंटिलेटरों के लिए ऑर्डर दिए गए हैं, जिनमें से 59,884 का निर्माण घरेलू विनिर्माता करेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि जून 2020 तक 75 हजार वेंटीलेटरों की संभावित मांग हो सकती है. उन्होंने कहा कि दो करोड़ पीपीई की संभावित मांग के मद्देनजर 2.22 करोड़ पीपीई के लिए ऑर्डर दिए गए हैं. औषध विभाग के सचिव वाघेला ने कहा, पूर्व में, हमारे पास देश में पीपीई का कोई विनिर्माता नहीं था और इनमें से लगभग सभी का आयात किया जाता था.
हमारे पास भारी मात्रा में मेडिकल उपकरण मौजूद हैं
अब हमारे पास 111 स्वदेशी विनिर्माता हैं. उन्होंने कहा कि कुल 2.49 करोड़ एन-95/एन-99 मास्क के आर्डर दिए गए हैं, जिनमें 1.49 करोड़ मास्क के आर्डर घरेलू विनिर्माताओं को दिए गए हैं. दवाइयों और अन्य मेडिकल उपकरणों के उत्पादन के विषय पर उन्होंने कहा, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (की गोलियों) का उत्पादन प्रति महीने 12.23 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ हो गया है.
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सरकार के समक्ष पूरी चिकित्सा आपूर्ति
उन्होंने कहा, चार लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, जो अभी के लिए पर्याप्त हैं. इसके अलावा, एक लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए ऑर्डर दिए गए हैं. औद्योगिक ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में तब्दील किया जा रहा है. वाघेला ने यह भी कहा कि 35 लाख आरटी-पीसीआर जांच किट की मांग के मद्देनजर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने 21 लाख से अधिक किट के लिए ऑर्डर दिया है और 14 लाख किट पहले ही प्राप्त हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष विश्व में चिकित्सा आपूर्ति की अत्यधिक मांग और देश में पीपीई तथा एन-95 मास्क के लिए कोई उत्पादन इकाई न होने सहित कई चुनौतियां हैं.
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कोरोना से अब तक देश में 1152 लोग जान गवां चुके हैं
वाघेला ने कहा, आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति का बड़ी मात्रा में आयात किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,993 नए मामले सामने आए हैं, जिससे कुल मामले बढ़कर 35,043 हो गए हैं. कोरोना वायरस से 72 और लोगों की मौत के साथ ही देश में इस महामारी से मरनेवालों की संख्या 1,152 हो गई है. मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मामलों के हिसाब से देश में 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में सूचीबद्ध किया है
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