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भारत ने अमेरिका के साथ हल्की 145 M-777 हॉवित्जर तोप खरीदने की डील की है। यह डील करीब 5 हजार करोड़ रुपये की है। बोफोर्स घोटाला सामने आने के बाद से यह पहला तोप सौदा है।
बोफोर्स डील में कमीशन को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद से भारत-अमेरिका के बीच तोप डील पर बातचीत होती रही, लेकिन अंतिम परिणाम नहीं निकल सका। रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने हाल ही में इस खरीद को मंजूरी दी थी।
पीटीआई के अनुसार बोफोर्स को बीएई सिस्टम्स ने खरीद लिया है जिसकी अमेरिका सबसिडियरी भारत में महिंद्रा के साथ मिलकर हॉवित्जर तोपों की सप्लाई के लिए काम करेगी। शुरुआती दो तोपों की सप्लाई में छह महीने लगेंगे और उसके बाद हर महीने दो तोपों की सप्लाई की जाएगी।
India, the US sign a deal for 145 M 777 lightweight #howitzers for Indian Army: Sources.
— Press Trust of India (@PTI_News) November 30, 2016
हॉवित्जर की क्या है खासियत?
यह तोप अन्य के मुकाबले बेहद हल्की है। हल्के होने के कारण इसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह लाया-ले जाया जा सकता है।
हॉवित्जर M777 का वजन सिर्फ 4,200 किलोग्राम है।
भारतीय सेना जिन बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल कर रही है उनमें हर एक का वजह 13,100 किलोग्राम है।
इसे बनाने में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है।
यह 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट कर सकती है।
इसे टारगेट की ऊंचाई के हिसाब से फिक्स किया जा सकता है।
HIGHLIGHTS
- भारत-यूएस के बीच 5 हजार करोड़ रुपये की हुई हॉवित्जर तोप
- 30 साल बाद भारतीय सेना को मिलेगी नई तोप
- हॉवित्जर 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट कर सकती है