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फिजूल की बदनामीः विकसित देशों की तरह भारत में नहीं फैला कोरोना संक्रमण

नए कोविड-19 मामलों के बावजूद भारत में संक्रमण दर कई विकसित देशों की तुलना में काफी कम है.

Updated on: 19 May 2021, 01:09 PM

highlights

  • भारत में संक्रमण दर कई विकसित देशों की तुलना में काफी कम
  • आंकड़ों के मुताबिक भारत में 1.8 फीसद लोग संक्रमित पाए गए
  • हालांकि अभी भी बड़ी आबादी के किवोड-19 संक्रमित होने का खतरा

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में सामने आने वाले नए कोविड-19 मामलों के बावजूद भारत में संक्रमण दर कई विकसित देशों की तुलना में काफी कम है. ज्यादा आबादी के कारण भारत कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या के मामले में दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है, लेकिन हकीकत का दूसरा पहलू यह भी है कि भारत में अभी तक दो फीसद से कम जनसंख्या ही कोरोना से संक्रमित पाई गई है. इसके उलट अमेरिका में यह आंकड़ा 10 फीसद से भी ज्यादा है. भारत में संक्रमितों की बड़ी संख्या के बावजूद प्रति 100 लोगों पर मामले काफी कम हैं. 

भारत में सिर्फ 1.8 फीसद लोग संक्रमित
आंकड़ों के मुताबिक भारत में 1.8 फीसद लोग संक्रमित पाए गए हैं. वहीं अमेरिका में 10.1 फीसद, ब्राजील में 7.3 फीसद, फ्रांस में नौ फीसद, तुर्की में छह फीसद, रूस में 3.4 फीसद, इटली में 7.4 फीसद, जर्मनी में 4.3 फीसद, अर्जेंटीना में 7.3 फीसद और कोलंबिया में 6.1 फीसद आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इन आंकड़ों के दो अर्थ निकलते हैं. एक तो दूसरी लहर की तीव्रता के बावजूद भारत की 98 फीसद से अधिक आबादी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित है. इसका दूसरा मतलब यह भी है कि अब भी बड़ी आबादी कोरोना से आसानी से संक्रमित हो सकती है. इसीलिए, इन लोगों का टीकाकरण तो जरूरी है ही, साथ ही यह भी आवश्यक है कि ये लोग कोरोना से बचाव के लिए उचित उपायों का पालन करें.

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कम हो रहा है महामारी का दायरा
भारत में कोरोना महामारी का दायरा तेजी से सिकुड़ रहा है. 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण दर में लगातार गिरावट आ रही है. एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामलों वाले राज्यों की संख्या भी घट रही है. एक हफ्ते पहले ऐसे राज्यों की संख्या 13 थी, जो घटकर अब आठ रह गई है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कई राज्यों में महामारी की स्थिति में स्थिरता आ गई है. कंटेनमेंट और जांच में तेजी की वजह से ऐसा हो पाया है. वैज्ञानिक विश्लेषण से यह सामने आया है कि एक व्यक्ति से एक से कम लोगों तक संक्रमण फैल रहा है, इसका मतलब है कि महामारी सिकुड़ रही है.