UNSC में कश्मीर मुद्दे पर तुर्की ने दिखाया पाक प्रेम तो भारत ने दिया ये करारा जवाब
कश्मीर मुद्दे पर पाक प्रेम अलापने पर तुर्की को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में कश्मीर का जिक्र करने वाले तुर्की को कुछ ही देर बाद भारत ने करारा जवाब दिया.. इसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन अपने ही
highlights
- संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में एर्दोगन को किया काउंटर
- बाद में तुर्की मामले से कन्नी काटता नजर आया
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट के माध्यम से किया कटाक्ष
New delhi:
कश्मीर मुद्दे पर पाक प्रेम अलापने पर तुर्की को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में कश्मीर का जिक्र करने वाले तुर्की को कुछ ही देर बाद भारत ने करारा जवाब दिया.. इसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन अपने ही बयान से कन्नी काटते नजर आए..कश्मीर मुद्दे पर काउंटर अटैक करते हुए भारत के विदेश मंत्री ने ट्वीट कर साइप्रस के मुद्दे पर तुर्की को घेर लिया. साथ ही उसकी दुखती रग पर भी हाथ रख दिया. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करना सभी के लिए जरुरी है.. इससे पहले भी तुर्की कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभा चुका है..
दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया. जयशंकर ने क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बुधवार को ट्वीट किया और लिखा- 'हम आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं.. मैंने उनकी क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि की सराहना की. आपको बता देंक कि बैठक में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कश्मीर का जिक्र किया था. एर्दोआन ने मंगलवार को सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में कहा, 'हमारा मानना है कि कश्मीर को लेकर 74 साल से जारी समस्या को दोनों पक्षों को संवाद तथा संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के जरिये हल करना चाहिये. जिस पर भारतीय विदेश मंत्री ने कुछ घंटों में इसका पलटवार करते हुए ट्वीट के माध्यम से जवाब दे दिया. अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में इसे तुर्की के राष्ट्रपति को करारा पलटवार बताया जा रहा है..
पहले भी अलाप चुका है राग
तुर्की पहले भी कई बार कश्मीर मुद्दे पर भारत पर कटाक्ष करता रहा है. हालाकि पहले भी भारत की और से उन्हे जवाब मिलते रहे हैं.. असल में तुर्की यह चाहता है कि वह सऊदी अरब के मुकाबले मुस्लिम जगत में खुद को लीडर के तौर पर पेश कर सके.. बीते कुछ सालों में पाकिस्तान के रिश्ते एक तरफ सऊदी अरब से पहले के मुकाबले कमजोर पड़े हैं तो वहीं तुर्की से बेहतर हुए हैं. यह भी एक वजह है कि तुर्की की ओर से अकसर कश्मीर के मसले पर टिप्पणी की जाती रही है.. लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इस तरह से कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत को नीचा दिखाना.. उसे खुद ही महंगा पड़ गया..
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