मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव पर चीन की तरफ से दोबारा अडंगा लगाया है। चीन की आपत्ति के कारण संयुक्त राष्ट्र की आतंक विरोधी समिति पाकिस्तानी आतंकी मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित नहीं कर पाई। चीन के इस कदम पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने कहा है कि हमें उम्मीद थी कि चीन इस मुद्दे पर समझदारी दिखाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से अजहर मसूद को आतंकी घोषित न कर पाना आतंकवाद को खत्म करने की कोशिशों का झटका है। ये दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
विकास स्वरूप ने कहा, "चीन द्वारा जैशे मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर भारत के प्रस्ताव को रोकना चौंकाने वाले है, क्योंकि चीन खुद आतंकवाद से प्रभावित है।"
उन्होंने कहा कि भारत हिसा करने वालों के खिलाफ भारत प्रतिबद्धता के साथ दबाव बनाता रहेगा, ताकि उन्हें कानून के सामने लाया जा सके।
मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिये भारत ने मार्च में संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव दिया था जिसपर चीन ने आपत्ति दर्ज़ की थी। लेकिन अक्टूबर में चीन ने दोबारा आपत्ति दर्ज़ कर दी थी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भारत के राजनीतिक दलों, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों आतंकवादी संगठन कहना गलत है। ये पाकिस्तान की तरफ से दुनिया का ध्यान आतंकवाद से भटकाने की एक कोशिश है।
Source : News Nation Bureau