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भारत ने 75 सालों में लड़े पांच युद्ध, 4 पाकिस्तान से और एक चीन से

भारत को आजाद हुए 75 साल बीत गए. लेकिन आज भी भारत के सामने हजारों चुनौतियां खड़ी हैं. आज भारत को स्वतंत्र देश के रूप में बने रहने के लिए ढेर सारी समस्याओं से होकर गुजरना पड़ा है.

Updated on: 15 Aug 2021, 02:51 PM

highlights

  • भारत और पाकिस्तान के अब तक चार युद्ध हुए, चारों में भारत जीता
  • भारतीय सेना ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स- 2021 में दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना
  • अमेरिकी सेना 10 में देशों की सेना में से पहले स्थान पर

नई दिल्ली:

भारत को आजाद हुए 75 साल बीत गए. लेकिन आज भी भारत के सामने हजारों चुनौतियां खड़ी हैं. आज भारत को स्वतंत्र देश के रूप में बने रहने के लिए ढेर सारी समस्याओं से होकर गुजरना पड़ा है. इसके लिए भारत ने कई लड़ाइयां लड़ीं. जिसमें से सबसे ज्यादा युद्ध, पाकिस्तान के साथ ही लड़े गए. आजादी के 75 सालों के बाद अब तक कुल पांच लड़ाइयां लड़ी गईं. जिनमें से पांच लड़ाइयों में से चार लड़ाइयों में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी. आज भारत के पास एक सशक्त सेना है, जो विश्व के कई देशों की तुलना में काफी ताकतवर है. भारत ने पाकिस्तान को 4 कौन-सी लड़ाइयों में और कैसे हराया, आइए आपको बताते हैं.

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स्वतंत्रता के तुरंत बाद हुआ भारत-पाक का पहला युद्ध

1947 में स्वतंत्रता मिलने के चंद महीनों के बाद ही कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध शुरू हो गया. इस दौरान पाकिस्तानी सेना का समर्थन पाकर कबिलाई आदिवासियों ने कश्मीर पर 20 अक्टूबर को हमला कर दिया. इस हमले के बाद 24 अक्टूबर तक हमलावर श्रीनगर के पास तक पहुंच गए. संकट बढ़ता देख जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी. राजा हरी सिंह के मदद मांगने पर भारत की सेना भी इस जंग में शामिल हो गई. 26 अक्टूबर की तारीख से भारत इस जंग का हिस्सा बन गया. इस युद्ध में शामिल होने के कुछ ही समय में भारतीय सेना ने कश्मीर के दो-तिहाई हिस्से पर अपना नियंत्रण कर लिया. बाद में युद्ध विराम 1 अक्तूबर, 1949 को हुआ.

दूसरा युद्ध 1962 में भारत और चीन के बीच

पाकिस्तान से युद्ध जीतने के बाद 1962 में आजादी के बाद भारत ने दूसरा युद्ध चीन के साथ लड़ा. चीन से लड़े गये चीनी सेना ने 20 अक्टूबर, 1962 को लद्दाख और अन्य इलाकों में हमले शुरू कर दिए. युद्ध के दौरान भारतीय जवान दशकों पुरानी थ्री नॉट थ्री बंदूक के सहारे लड़ रहे थे, तो चीनी सैनिकों के पास मशीनगन थी. इसके बावजूद रेजांग ला दर्रे में मेजर शैतान सिंह की अगुआई में 113 भारतीय जवान 1000 चीनी सैनिकों पर भारी पड़े. इस दौरान चीन के मुकाबले भारतीय वायुसेना बेहतर थी, लेकिन उसे हमला करने का आदेश नहीं दिया गया. यदि भारत की वायुसेना से मदद मिली होती तो नतीजा भारत के पक्ष में होता. लेकिन युद्ध का अंत 20 नवंबर, 1961 को चीन की ओर से युद्ध विराम के ऐलान के साथ हुआ.

1965 में पाकिस्तान को फिर से हराया

1965 में भारत का तीसरा युद्ध (पाकिस्तान के साथ दूसरा) पुनः पाकिस्तान के साथ हुआ. यह भारत के साथ पाकिस्तान का दूसरा युद्ध था जिसे दूसरे कश्मीर युद्ध के नाम भी जाना जाता है, यह युद्ध कुल 22 दिनों तक चला. युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर के कारण हुई, जिसके तहत उसने कश्मीर में सेना की घुसपैठ कराने की योजना बनाई थी. पाकिस्तानी सेना के करीब 30 हजार जवान स्थानीय लोगों की वेशभूषा में कश्मीर में घुसपैठिये बनकर घुस आए. इस दौरान इसकी सूचना भारतीय सेना को मिली, तो युद्ध की शुरूआत हो गई. इस युद्ध में भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और एक बार फिर इतिहास दोहराया गया.

1971 में पाकिस्तान फिर हारा

साल 1971 में पाकिस्तान और भारत के बीच लड़े गए तीसरे युद्ध में भारत ने फिर से पाकिस्तान को हराया. इस हार के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया. युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर जबरदस्त युद्ध कौशल का परिचय दिया. इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 96 हजार पाक सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया गया. दोनों देशों के बीच 2 जुलाई, 1972 को शिमला में समझौता हुआ. इसके बाद सभी युद्ध बंदियों को सकुशल पाकिस्तान भेज दिया गया.

कारगिल के युद्ध में एक बार फिर पाकिस्तान को हराया

वर्ष 1999 में हुआ कारगिल का युद्ध 3 मई से 26 जुलाई तक चला. इस युद्ध का कारण ये था कि श्रीनगर से 215 किलोमीटर दूर कारगिल की पर्वतीय चोटियों पर पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से कब्जा कर लिया. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि लड़ने वाले सभी उपद्रवी कश्मीरी उग्रवादी हैं. तब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को वहां से युद्ध लड़कर भगा दिया. इस युद्ध में भारत के 597 सैनिक शहीद हो गए. इस युद्ध में तोप ने निर्णायक भूमिका निभाई, लेकिन युद्ध के दौरान एक समय तोप के बाद तोप के गोलों की कमी महसूस की गई. इस युद्ध में इजरायल ने भारत की मदद की.

विश्व की चौथी सबसे ताकतवर सेना है भारतीय सेना

आज भारत की सेना को ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स- 2021 में दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना माना गया है. दुनिया की 10 सबसे ताकतवर सेनाओं में अमेरिका पहले नंबर पर है, जबकि रूस व चीन की सेना को दूसरे व तीसरे नंबर की ताकतवर सेना माना गया है. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में देशों को उनकी संभावित सैन्य ताकत के आधार पर रैंक किया जाता है. इस साल 138 देशों की रैंकिंग को 50 मानकों के आधार पर निर्धारित किया गया. इसमें सैन्य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग, भौगोलिक विशेषताएं और उपलब्ध मानव शक्ति शामिल हैं.