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भारत ने मालदीव के पूर्व राष्‍ट्रपति-चीफ जस्टिस को सज़ा देने पर जताई निराशा

विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस फैसले से मौजूदा मालदीव सरकार की कानून को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता और सितंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है।

विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस फैसले से मौजूदा मालदीव सरकार की कानून को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता और सितंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है।

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Deepak Kumar
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भारत ने मालदीव के पूर्व राष्‍ट्रपति-चीफ जस्टिस को सज़ा देने पर जताई निराशा

सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)

भारत ने मालदीव की अदालत द्वारा पूर्व राष्‍ट्रपति मौमून अब्‍दुल गयूम और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को 'फेयर ट्रायल' के बिना लंबी सजा सुनाए जाने को लेकर 'गहरी निराशा' जताई है।

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विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस फैसले से मौजूदा मालदीव सरकार की कानून को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता और सितंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है।

मालदीव मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गयूम (80) और मुख्य न्यायाधीश अबदुल्ला सईद को के साथ गिरफ्तार किये गए देश के प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद को कथित तौर पर फैसले को प्रभावित करने के आरोप में एक साल, सात महीने और 6 दिन की सज़ा सुनाई गई है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत ने मालदीव सरकार को गयूम और मुख्य न्यायाधीश समेत सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करके चुनावी और राजनीतिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बहाल करने के लिए अपनी 'सलाह' दोहराई है।"

मंत्रालय ने कहा कि भारत ने राजनीतिक संकट की शुरुआत से ही मालदीव सरकार से बार-बार अपने सर्वोच्च न्यायालय और संसद समेत सभी संस्थानों को स्वतंत्र तरीके से कार्य करने और सभी राजनीतिक दलों के बीच वास्तविक राजनीतिक वार्ता की अनुमति देने का आग्रह किया है।

बयान में कहा गया, 'यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी बड़ी मांग रही है। इसलिए यह सुनकर गहरी निराशा हुई कि मालदीव के पूर्व राष्‍ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बिना निष्पक्ष परीक्षण के लंबी सजा सुनाई गई है। यह फैसला कानून के शासन को बनाए रखने के लिए मालदीव सरकार की प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा करता है और इस साल सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाएगा।'

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ममून अब्दुल गयूम को मालदीव की एक अदालत ने पुलिस की जांच में सहयोग नहीं करने को लेकर दोषी पाते हुए 19 महीने जेल की सजा सुनायी है। उन पर सरकार का तख्तापलट करने की साजिश रचने का आरोप है।

वहीं राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम के शासनकाल में गयूम (80) जेल की सजा पाने वाले दूसरे पूर्व राष्ट्रपति हैं। अपना मोबाइल फोन जांच अधिकारियों को नहीं सौंपने पर एक अदालत ने उन्हें एक साल, सात महीने और छह दिन जेल की सजा सुनायी।

उन्होंने वर्ष 1978 से 2008 तक हिंद महासागर के इस द्वीपीय देश पर शासन किया था। 

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Source : News Nation Bureau

Abdulla Saeed Chief Justice Gayoom President Maumoon INDIA External Affairs Maldives
      
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