भारत ने अमेरिकी दबाव को नकारा... समय पर मिलेगी रूस की एस-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली
जो बाइडन (Joe Biden) प्रशासन के दबाव के बावजूद भारत ने अपने रक्षा हितों से कतई कोई समझौता नहीं किया है.
highlights
- रूसी राजदूत ने दिए संकेत समय पर होगी एस-400 की आपूर्ति
- अमेरिका नहीं चाहता कि भारत खरीदे अत्याधुनिक सिस्टम रूस से
- कई देशों पर लगा चुका है प्रतिबंध, भारत पर थोपना आसान नहीं
नई दिल्ली:
नया भारत (India) किसी भी दबाव को स्वीकार नहीं कर रहा है. यही वजह है कि अमेरिका में जो बाइडन (Joe Biden) प्रशासन के दबाव के बावजूद भारत ने अपने रक्षा हितों से कतई कोई समझौता नहीं किया है. संभवतः इसी वजह से भारत को तय समय पर रूस एस-400 (S 400) मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति कर देगा. इस बात की घोषणा भारत में मौजूद रूस राजदूत निकोले कुदाशेव ने की है. उन्होंने कहा है कि इसको लेकर रूस (Russia) की तरफ से किसी भी तरह की कोई देरी नहीं होगी और ये अपने सही राह पर है. कुदाशेव ने कहा कि एस-400 को लेकर भारत और रूस के बीच जो समझौता हुआ था उसको लेकर दोनों ही पक्ष अपने पुराने रुख पर कायम भी हैं और प्रतिबद्ध भी हैं. ऐसे में उनकी जानकारी में इस सौदे को सफलतापूर्वक तय समय के अंदर ही पूरा कर लिया जाएगा. उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब एस-400 की डील को लेकर अमेरिका तुर्की से काफी खफा है.
अमेरिका नहीं चाहता कोई भी ले एस-400 सिस्टम
गौरतलब है कि कुछ समय पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत के दौरे पर आए थे. जब उनसे एस-400 की डील के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने सीधेतौर पर कहा था कि अमेरिका नहीं चाहता है कि कोई भी देश रूस से ऐसी डील करे. जब उनसे ये पूछा गया था कि क्या इसको लेकर अमेरिका भारत पर भी प्रतिबंध लगा सकता है, तो उन्होंने कहा था कि फिलहाल इसका सवाल नहीं उठता है क्योंकि भारत को इसकी सप्लाई नहीं हुई है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यदि भारत इस सौदे पर आगे बढ़ता है तो अमेरिका काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रो सेंक्शन एक्ट (काट्सा CAATSA)के तहत भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है.
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भारत के लिए देश सर्वोच्च प्राथमिकता
गौरतलब है कि भारत कई बार इस बात को कहा चुका है कि वह इसकी खरीद देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कर रहा है. माना जा रहा है कि इस अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम की सप्लाई रूस इस वर्ष के अंत तक शुरू कर देगा. रूसी राजदूत ने इस सौदे और भारत से रिश्तों पर अपनी टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनेां देश लंबे समय से एक-दूसरे के भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दोनों देश साथ विभिन्न मुद्दों पर एक साथ दिखाई दिए हैं. इस मौके पर रूस के उप राजदूत ने रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक के बारे में भारत द्वारा इसको इस्तेमाल की इजाजत देना कई मायनों में खास है. ये वैक्सीन सफलता की नई ऊंचाईयों को छू रही है. रूसी वैक्सीन पूरी तरह से भारत के टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी. इस मौके पर रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट की भी वकालत की है.
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