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भारत-चीन के बीच LAC को लेकर हुई बातचीत, स्थिरता बनाए रखने पर दोनों देश राजी

भारत-चीन बॉर्डर को लेकर वर्किंग मैकेनिज्म ऑफ कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन की 22वीं बैठक शुक्रवार को हुई. विदेश मंत्रालय ने अनुसार, इस बैठक में दोनों ही पक्षों ने एलएसी के पास मौजूदा हालात को लेकर अपनी बातें खुल कर रखीं.

Updated on: 25 Jun 2021, 09:42 PM

highlights

  • भारत और चीन के बीच राजनयिक स्तर की बातचीत हुई
  • LAC पर जारी तनाव को कम करने पर व्यापक चर्चा हुई
  • WMCC की यह 22 वी राउंड की बातचीत थी

नई दिल्ली:

भारत-चीन बॉर्डर को लेकर वर्किंग मैकेनिज्म ऑफ कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन की 22वीं बैठक शुक्रवार को हुई. विदेश मंत्रालय ने अनुसार, इस बैठक में दोनों ही पक्षों ने एलएसी के पास मौजूदा हालात को लेकर अपनी बातें खुल कर रखीं. दोनों ही देश डिप्लोमेटिक और मिलिट्री मैकेनिज्म के जरिए लगातार बातचीत करते रहने पर तैयार हुए. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों ही देश बॉर्डर पर स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए ताकि किसी भी तरह की घटना वहां ना हो. दोनों ही देशों ने भारत-चीन सीमा पर विवादों को जल्द से जल्द सुलझाने और किसी नतीजे पर पहुंचने पर जोर दिया. इसमें पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर भी बातचीत की गई. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कतर दिया था ये बयान
बता दें कि इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कतर इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत के साथ विवादित सीमा पर चीन की सैन्य तैनाती और बीजिंग सैनिकों को कम करने के अपने वादे को पूरा करेगा या नहीं, इस बारे में अनिश्चितता दोनों पड़ोसियों के संबंधों के लिए चुनौती बनी हुई हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से संबंधित व्यापक विषय यह है कि क्या भारत और चीन आपसी संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित संबंध बना सकते हैं और क्या पेइचिंग सीमावर्ती क्षेत्र में दोनों पक्षों के किसी बड़े सशस्त्र बल को तैनात नहीं करने की लिखित प्रतिबद्धता का पालन करेगा.

चीन ने भी विदेश मंत्री की बात पर प्रतिक्रिया दी थी
चीन ने भी विदेश मंत्री की बात पर प्रतिक्रिया दी थी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान के जवाब में कहा कि भारत-चीन सीमा से लगे पश्चिमी क्षेत्र में चीनी सैनिकों की तैनाती सामान्य रक्षा व्यवस्था है. यह व्यवस्था संबंधित देश द्वारा चीन के क्षेत्र के खिलाफ अतिक्रमण या खतरे को रोकने के लिए की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत लंबे समय से सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर हमारे क्षेत्रों का अतिक्रमण कर रहा है.

दरअसल, घातक कोविड-19 महामारी के बीच, जब भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में ठीक एक साल पहले झड़प हुई थी और इस खूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, तब दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में पूरी तरह से दरार आ चुकी है.