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भारत-चीन सीमा विवाद: डाकोला में 'नो वॉर, नो पीस' की स्थिति में भारतीय सेना

एक अधिकारी ने कहा है कि भारतीय सेना डाकोला में 'नो वॉर, नो पीस' (शत्रु के साथ टकराव या आमने-सामने होना) की स्थिति में है।

Updated on: 10 Aug 2017, 07:44 AM

highlights

  • आधिकारिक सूत्रों ने कहा, भारतीय सेना डाकोला में 'नो वॉर, नो पीस' की स्थिति में है
  • सूत्रों ने कहा, इलाके में सैनिकों या हथियारों की कोई खास आवाजाही नहीं हो रही है
  • चीन ने कहा, डाकोला में बचे 53 भारतीय सैनिकों को' वापस बुलाए भारत

नई दिल्ली:

भारत-चीन के बीच डाकोला (डोकलाम) में सीमा पर पिछले करीब 50 दिनों से तनाव जारी है। इस बीच एक अधिकारी ने कहा है कि भारतीय सेना डाकोला में 'नो वॉर, नो पीस' (शत्रु के साथ टकराव या आमने-सामने होना) की स्थिति में है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'इलाके में सैनिकों या हथियारों की कोई खास आवाजाही नहीं हो रही है। जो भी 'आवाजाही' हो रही है वह रखरखाव के लिए है।'

अधिकारी ने सुकना के 33 वीं कोर से सेना भेजने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि भारत-भूटान-चीन (ट्राई-जंक्शन) सीमा पर सैन्यकर्मियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है। सूत्रों ने कहा, 'हम डाकोला में 'नो वॉर, नो पीस' मोड में हैं।'

इस बीच चीन ने बुधवार को 'डाकोला में बचे 53 भारतीय सैनिकों को' वापस बुलाने के लिए भारत से कहा। चीन के विदेश मंत्रालय ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि सोमवार तक चीनी क्षेत्र में 53 भारतीय सैनिक थे व एक बुल्डोजर भी था।

मंत्रालय ने कहा, 'भारत को अपने जवानों व उपकरण को वापस लेना चाहिए। यह मायने नहीं रखता कि कितने भारतीय जवानों ने घुसपैठ की और चीनी क्षेत्र में हैं, उन्होंने गंभीर तौर पर चीन की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।'

बीते सप्ताह चीन ने कहा था कि 48 भारतीय जवान डाकोला में मौजूद थे। चीन दबाव दे रहा कि भारत अपने जवानों को डाकोला से हटा ले। डाकोला में दोनों पक्षों में करीब दो महीने से गतिरोध जारी है।

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भारत ने दोनों तरफ से सैनिकों को डोकलाम से हटाने की बात कही है। भारत का कहना है कि डाकोला उसके पड़ोसी देश भूटान का है।

चीन डाकोला को अपना बताता है और उसने भारत को भूटान के साथ उसके विवाद से दूर रहने को कहा है। यह संकट मध्य जून में तब शुरू हुआ जब भारतीय सेना ने चीनी जवानों को डाकोला में सड़क निर्माण करने से रोका।

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