चीन के खिलाफ भारत ने बॉर्डर पर भेजे 50 हजार और सैनिक, बनाई नई रणनीति?
India China Border News : भारत ने अपनी तैयारियों को पुख्ता करते हुए 50 हजार सैनिकों को सीमा पर भेजा है. भारत ने चीन के खिलाफ भी डिफेंसिव ऑफेंस की रणनीति अपनाने की सोच ली है. इसके तहत, जरूरत पड़ने पर चीन की सीमा में घुसने से भी परहेज नहीं किया जाएगा.
highlights
- भारत ने 50 हजार सैनिकों को बॉर्डर पर भेजा है
- चीन से तनाव के बीच यह 'ऐतिहासिक' फैसला
- पिछले साल अप्रैल से भारत-चीन में तनाव जारी
नई दिल्ली:
गलवान में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने नए सिरे से सीमा पर रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है. भारत ने चीन की सीमा पर करीब 50 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने यह खबर देते हुए चीन से मुकाबले के लिए भारत के इस कदम को ऐतिहासिक बताया है. चीन के खिलाफ भारत का यह फैसला 'ऐतिहासिक' माना जा रहा है. एजेंसी न चार अलग-अलग सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने पिछले कुछ महीनों में चीनी सीमा से सटे तीन अलग-अलग इलाकों में सैन्य टुकड़ियों और युद्धक विमानों को तैनात किया है.
गलवान हिंसा के बाद भारत ने बदली रणनीति
भारत और चीन के बीच वर्ष 1962 में दो युद्ध हुए, फिर भी भारत ने रणनीतिक लिहाज से पाकिस्तान को ज्यादा तवज्जो दी क्योंकि कश्मीर 1947 से ही दोनों देशों के बीच बेहद संवेदनशील मुद्दा बना रहा है. हालांकि, जब पिछले वर्ष 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया, तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ मामले को ठंडा रखकर चीनी सीमा पर फोकस करने की रणनीति अपना रखी है.
दो लाख से ज्यादा सैनिक बॉर्डर पर तैनात
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मामले से परिचित चार लोगों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में, भारत ने चीन से लगती अपनी सीमा के साथ तीन अलग-अलग क्षेत्रों में सैनिकों और लड़ाकू जेट्स स्क्वाड्रनों को तैनात कर दिया है. कुल मिलाकर, भारत के अब लगभग 2,00,000 जवान बॉर्डर पर जमे हुए हैं. दो लोगों ने बताया कि यह संख्या पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी अधिक है. बॉर्डर पर भारत की पहले सैन्य उपस्थिति का उद्देश्य चीनी सेनाओं की चाल को रोकना था.
तीनों सेना पूरी तरह तैयार
रविवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ जनरल एम. एम. नरवणे सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी बॉर्डर पर सैन्य तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख में थे. जानकारी के अनुसार, भारतीय वायु सेना ने अरुणाचल प्रदेश में लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस फ्रांस से मंगाए गए राफेल फाइटर जेट्स को सपोर्ट के लिए तैनात किया हुआ है. इसके साथ ही, चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना भी पूरी तरह मदद के लिए आगे आई हुई है. वह ज्यादा युद्धपोतों को लंबे समय के लिए प्रमुख समुद्री मार्गों पर रख रही है.
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