मोदी-शी मुलाकात का असर, भारत-चीन की सेनाओं ने की बैठक, LAC पर शांति बनाए रखने पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत का असर दिखने लगा है। भारत और चीन की सेनाओं ने बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग कर सीमा पर तनाव कम करने और शांति बनाए रखने पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत का असर दिखने लगा है। भारत और चीन की सेनाओं ने बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग कर सीमा पर तनाव कम करने और शांति बनाए रखने पर चर्चा की।

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pradeep tripathi
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मोदी-शी मुलाकात का असर, भारत-चीन की सेनाओं ने की बैठक, LAC पर शांति बनाए रखने पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत का असर दिखने लगा है। भारत और चीन की सेनाओं ने बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग कर सीमा पर तनाव कम करने और शांति बनाए रखने पर चर्चा की।

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लद्दाख के चुशूल में हुए इस बैठक के दौरान एलएसी पर शांति बनाए रखने के साथ-साथ आपसी व्श्वास बढ़ाने संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने पर भी सहमति बनी है।

चीन के वुहान में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद ये दोनों देशों की सेनाओं के बीच पहली मीटिंग है।

सरकार के सूत्रों का कहना है कि ये एक सेरिमोनियल मीटिंग थी जिसमें सीमा पर प्रबंधन को लेकर चर्चा की गई।

उनका कहना है कि बातचीत में दोनों पक्षों में सीमा पर तनाव को कम करने पर जोर दिया गया। साथ ही विश्वस की कमी को दूर करने पर भी चर्चा की गई।

पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 'रणनीतिक दिशानिर्देश' को मजबूत करने पर चर्चा की गई। ताकि विश्वास को बढ़ाकर गतिरोध पर लगाम लगाई जा सके।

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दोनों देशों के बीच ये फैसला डोकलाम में हुए 73 दिनों के गतिरोध के बाद आया है, जब दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने थीं।

सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेनाएं आने वाले समय में कई ऐसे कदम उठाएंगी जिससे लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर तनाव को कम किया जा सके। साथ ही पेट्रोलिंग में भी समन्वय स्थापित किया जा सके।

कोऑर्डिनेटेड पेट्रोलिंग के तहत पट्रोलिंग टीम के विवादित क्षेत्र में गश्त करने के वक्त एक दूसरे को सूचित किया जाएगा। इसके साथ ही दोनों पक्ष स्थानीय घटनाओं को सुलझाने के लिए 2003 में हुए समझौते के तहत काम करेंगे।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत के डीजीएमओ और चीनी सेना में उनके समकक्ष आधिकारी के बीच एक सीधी हॉटलाइन स्थापित की जाएगी।

भारत और चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। सीमा पर पर 23 ऐसे विवादित इलाके हैं जिसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव रहता है।

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नाथुला पास का रास्ता भी मंगलवार को खोल दिया गया है। ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार हो सके।

बीपीएम की बैठक लेबर डे के दिन हुई और दोनों देशों के सैनिकों के परिवार वालों ने मिलकर इसे मनाया।

अरुणाचल के किबिथू स्थित वाचा बॉर्डर पर भारत-चीन के सैनिकों के परिवार वालों ने एक-दूसरे को गिफ्ट भी दिया।

सरकार के आंकड़ों को अनुसार भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ 2017 में बढ़ी है इसकी संख्या 426 थी। जबकि 2016 में 273 बार घुसपैठ हुई थी।

दोनों देशों के बीच बापाएम पांच जगहों उत्तरी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी, अरुणाचल के किबिथू लद्दाख के चुशुलस अरुणाचल के तवांग के पास बूम-ला और सिक्किम के नाथू-ला में होती है।

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Source : News Nation Bureau

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