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क्या LAC पर खत्म होगा सीमा विवाद? भारत और चीन के बीच 13वें दौर की वार्ता आज

पूर्वी लद्दाख में बीते काफी समय से चीन से विवाद जारी है. रविवार को 13 वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता होने वाली है. अब टकराव वाले शेष इलाकों से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया में कुछ आगे बढ़ने पर ध्यान दिया जाएगा.

Updated on: 10 Oct 2021, 08:01 AM

highlights

  • अब टकराव वाले शेष इलाकों से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया में कुछ आगे बढ़ने पर ध्यान दिया जाएगा.
  • दोनों देशों के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को हो चुकी है.

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में बीते काफी समय से चीन से विवाद जारी है. रविवार को 13 वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता होने वाली है। अब टकराव वाले शेष इलाकों से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया में कुछ आगे बढ़ने पर ध्यान दिया जाएगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार बातचीत का दौर चुशुल में होने वाला है। भारत के लद्दाख कोर कमांडर और चीनी दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला कमांडर के बीच यह वार्ता होने वाली है. बातचीत के एजेंडे में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 या हॉट स्प्रिंग्स से डी-एस्केलेशन होगा. उम्मीद की जा रही है कि बातचीत से मसले का हल होना मुमकिन है.

भारत सैनिकों की वापसी की मांग करने वाला है 

भारतीय पक्ष देप्सांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान के अलावा टकराव वाले शेष बिंदुओं से जल्द से जल्द सैनिकों की वापसी की मांग करने वाला है। दोनों देशों के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को हो चुकी है। इस दौर की वार्ता के कुछ दिनों बाद दोनों सेनाओं ने गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करा। इस क्षेत्र में शांति की बहाली की ओर एक अहम कदम के रूप में देखा गया है। चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की दो हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में 13वें दौर की वार्ता होनी है। 

पीएलए के 50 जवान गश्त वाली जगह पर मौजूद 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सैन्य कमांडर दक्षिण डेमचोक में देपसांग बुलगे और चारडिंग नुल्लाह जंक्शन समेत पूर्वी लद्दाख में एक-एक कर गतिरोध के बाकी पहलुओं को उठाने वाले हैं।  अगर हॉट स्प्रिंग्स से डी-एस्केलेशन पर दोनों पक्ष एक समझौते पर आने का निर्णय करते हैं, तो मई 2020 की चीनी सैनिकों की आक्रामकता को पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति के साथ ही उलट दिया जाएगा। अब तक करीब पीएलए के 50 जवान गश्त वाले जगह के 15 बिंदुओ पर अपनी स्थिति को मजबूत बनाए हुए हैं। इतनी ही संख्या में भारतीय सेना के जवान भी उनका सामना कर रहे हैं।

वायु सेना स्टैंडबाय स्थिति में

हालांकि, बीते वर्ष तुलना करें तो दोनों पक्षों के बीच सैन्य जमावड़ा कम हो चुका है। इसके बाद भी पीएलए ने अभी भी दो से ज्यादा डिवीजनों और कई संयुक्त हथियार ब्रिगेडों को सीमा पर आगे तैनात करा हुआ है। भारतीय सेना ने भी चीन को टक्कर देने के साथ तैनाती कर रखी है। दोनों तरफ से वायु सेना स्टैंडबाय स्थिति में है। बीजिंग पर नजर रखने वाले एक अधिकारी के अनुसार अगर रविवार को पट्रोलिंग प्वाइंट 15 से डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया पर राजी वाली स्थिति बन जाती है तो भारत और चीन दोनों 16 माह के बाद पूर्वी लद्दाख से सैनिकों को हटाने की दिशा में काम हो सकता है।