मई से ही भारत-चीन के बीच LAC पर चल रहा था विवाद, 15 प्वाइंट में जानें कब क्या हुआ
LAC पर भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद अब हिंसक दौर में प्रवेश कर गया है. लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों तरफ के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में एक भारतीय अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं.
नई दिल्ली:
भारत-चीन के बीच काफी समय से चल रहा सीमा विवाद कई बार की बातचीत के बाद भी नहीं सुलझ पाया है और अब हिंसक झड़प तक मामला पहुंच गया है. लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों ओर से सैनिकों में हिंसक झड़प हुई हैं, जिसमें भारत के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं. तब यह घटना हुई है जब दोनों देशों के बीच सुलह का प्रयास चल रहा है. मई महीने में चीन से लद्दाख में यह विवाद शुरू हुआ था, जबकि चीनी सैनिकों ने भारत के सड़क निर्माण का विरोध किया. इसके बाद से एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच तनाव बरकरार है.
जानें पूरा घटनाक्रम
- लद्दाख की गालवन वैली में भारतीय सेना के अफसर और 2 जवान शहीद हुए हैं. जो अफसर शहीद हुए, वे इन्फैंट्री बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर थे.
- रिपोर्ट के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई में चीन के भी 5 जवान मारे जाने की खबर है, 11 घायल हुए हैं.
- घटना सोमवार रात की है, जब गालवन वैली में दोनों देशों की सेनाएं तनाव कम करने की कोशिशें में लगी थीं
- इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के चीफ और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मीटिंग की है.
- आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने पठानकोट मिलिट्री स्टेशन का अपना दौरा टाल दिया.
- बढ़ते तनाव के बाद चीन ने ही सुबह 7:30 बजे मीटिंग की पेशकश रखी. इसके बाद से मेजर जनरल लेवल की बातचीत चल रही है.
- न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी.
- चीन के अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया.
- इसके बाद चीन के सैनिकों पर हमला किया. इसी वजह से हिंसक झड़प हुई.
- दोनों देशों के बीच पिछले 41 दिन से सीमा पर तनाव है. इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी. इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है.
- बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्स्केलेशन किया जाए.
- डी-एक्स्केलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं.
- 5 मई को फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए थे. दोनों तरफ के अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ था.
- 45 साल पहले चीन बॉर्डर पर भारत के जवान शहीद हुए थे.
- 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला किया था. इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे.
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