डाकोला विवाद: चीन भारत आपसी सहमति से सेना हटाने को तैयार
चीन और भारत दोनो ने विवादित इलाक़े से अपनी सेना को हटाना का फ़ैसला लिया है। भारत के लिए ये फैसला निश्चित रुप से मनोबल बढ़ाने वाला है।
highlights
- भारत और चीन के बीच डाकोला क्षेत्र के आसपास से अपनी सेनाएं हटाने को लेकर सहमति बनी
- सितंबर में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के बीच सेनाओं को हटाने पर बनी सहमति
- डाकोला में दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून से बना हुआ है गतिरोध
नई दिल्ली:
डाकोला में पिछेले दो महीने से भी अधिक समय से चल रहा विवाद सुलझ गया है। भारत और चीन के बीच डाकोला क्षेत्र के आसपास से अपनी सेनाएं हटाने को लेकर सहमति बन गई है।
भारत के लिए ये फैसला निश्चित रुप से मनोबल बढ़ाने वाला है। बता दें कि डाकोला में दोनों देशों की सेनाओं के बीच बीते जून महीने से ही गतिरोध बना हुआ था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में सोमवार को जानकारी देते हुए कहा, 'हाल के दिनो में डाकोला में दोनो देशों की सेना ने राजनयिक संचार स्थापित किए हैं और दोनो ने एक दूसरे की भावाना का सम्मान किया है।'
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम अपने विचारों को व्यक्त करने एवं अपनी चिंताओं और हितों को साझा करने में सक्षम हो सके।'
बयान के मुताबिक, 'इस आधार पर डोकलाम पर सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है, जो जारी है।'
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आगे उन्होंने कहा, 'इस बातचीत के दौरान हम अपनी बात और अपनी जिंता चीन के सामने ज़ाहिर करने में सक्षम रहे हैं।'
MEA Press Statement on Doklam Disengagement Understanding pic.twitter.com/fVo4N0eaf8
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) August 28, 2017
वहीं सोमवार को चीन ने कहा कि भारत ने डाकोला से अपनी सेनाएं हटा दी हैं लेकिन चीन की सेनाएं क्षेत्र में बनी रहेंगी और क्षेत्र में अपनी संप्रभुता कायम रखेगी। चीन ने कहा कि चीन के सीमा गश्ती दल डाकोला में गश्ती करते रहेंगे।
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'चीनी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि भारत डाकोला से अपनी सेना हटाने को तैयार हो गया है।'
#BREAKING Chinese FM confirmed that India has withdrawn its trespassed troops to Indian side from the border area in #Doklam on August 28 pic.twitter.com/wiyBzxkJUr
— Global Times (@globaltimesnews) August 28, 2017
चीन के विदेश मंत्रालय का यह बयान भारत के सोमवार को जारी उस बयान से बिल्कुल अलग है, जिसमें कहा गया था कि दोनों देशों के बीच डाकोला से सेनाएं हटाने पर सहमति बनी है।
चीन में सितंबर में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के बीच सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं।
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क्या है मामला?
भारत की मांग थी कि चीन और भारत दोनों एक साथ भारत-चीन और भूटान के मिलन बिंदु डाकोला से अपने सैनिकों को हटाएं। वहीं चीन का कहना था कि पहले भारत डाकोला से अपने सैनिकों को हटाये।
यह संकट 16 जून को उस समय शुरू हुआ, जब भारतीय सेना ने चीनी जवानों को डाकोला में सड़क बनाने से रोक दिया था।
भारत का मानना है कि यह क्षेत्र भूटान का है, जबकि चीन मानता है कि यह उसका क्षेत्र है और भारत को भूटान के साथ सीमा विवाद के उसके मामले से दूर रहना चाहिए। चीन विवाद के बाद कई बार युद्ध की धमकी दे चुका है।
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