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शेष सीमा विवादों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर सहमत हुए भारत और चीन

शेष सीमा विवादों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर सहमत हुए भारत और चीन

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IANS
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India, China

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष विवादों का जल्द समाधान निकालने की जरूरत पर सहमत हो गए हैं।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए एक शीघ्र समाधान खोजने की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके।

गुरुवार को भारत-चीन सीमा मामलों (डब्लूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 23वीं बैठक के बाद मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एक स्थिर जमीनी स्थिति सुनिश्चित करना जारी रखना चाहिए और किसी भी अप्रिय घटना से बचना चाहिए।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और समुद्री विभाग के महानिदेशक ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

दोनों पक्षों ने दुशांबे में सितंबर में अपनी बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री और चीन के विदेश मंत्री के बीच हुए समझौते को याद किया कि दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक अधिकारियों को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को हल करने के लिए अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए।

तदनुसार, दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिति पर स्पष्ट और गहन चर्चा की और 10 अक्टूबर को हुई दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की पिछली बैठक के बाद के घटनाक्रम की भी समीक्षा की।

इस दौरान दोनों देशों के बीच यह सहमति हुई है कि दोनों पक्षों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ सभी टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले 14वें दौर को जल्द से जल्द आयोजित करना चाहिए।

भारत और चीन के बीच 19 महीने से सीमा विवाद चल रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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