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भारत और दक्षिण कोरिया का द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है

भारत और दक्षिण कोरिया का द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है

Updated on: 01 Oct 2021, 11:30 PM

नई दिल्ली:

कोविड-19 की क्रूर दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद अब भारत में जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। इस बीच भारत और दक्षिण कोरिया के बीच आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।

भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार केवल 2018 में 21.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया था - व्यापार समझौते के बावजूद पहली बार 20 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया था - व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईपीए) जिस पर 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने इंडिया नैरेटिव को बताया, 2030 तक 50 अरब डॉलर तक (द्विपक्षीय व्यापार) पहुंचने का लक्ष्य है। भारत में 10 दिवसीय कोरिया मेले से इतर उन्होंने कहा, दक्षिण कोरिया और भारत के बीच एक विशेष संबंध है और हम व्यापार को और कैसे बढ़ावा दें, इस बारे में बातचीत करेंगे।

दोनों देशों के राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।

चांग ने कहा कि कई कोरियाई कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, हमें कोरिया जाने और वहां निवेश करने के लिए भारतीय कंपनियों की भी जरूरत है।

भारत में करीब 750 कोरियाई कंपनियां काम कर रही हैं। लेकिन वियतनाम जैसे अन्य एशियाई देशों की तुलना में यह संख्या काफी कम है, जहां पर उनकी संख्या लगभग 7000 है।

दक्षिण कोरियाई संस्कृति, संगीत, भोजन और यहां तक कि भाषा भी भारत में इतनी लोकप्रिय हो रही है, जितनी पहले कभी नहीं थी।

जुलाई में कार्यभार संभालने वाले चांग ने कहा, कोरियाई भाषा को पिछले साल से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, हमें उम्मीद है कि अधिक से अधिक स्कूल कोरियाई पढ़ाना शुरू करेंगे।

भारत छोड़ने से ठीक पहले, भारत में दक्षिण कोरिया के पूर्व राजदूत शिन बोंगकिल ने कहा था कि कोविड-19 महामारी ने भारत को अगले निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शित किया है।

हालांकि, शिन ने यह भी कहा कि जहां दुनिया भर की कई वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करना चाह रही हैं, वहीं देश को आवश्यक बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना चाहिए और भविष्य में किसी भी संकट के कारण होने वाले किसी भी व्यवधान से बचने के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहना चाहिए।

सितंबर 2020 तक दक्षिण कोरिया से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 6.94 अरब डॉलर दर्ज किया गया था।

दक्षिण कोरियाई प्रमुख सियोल सेमीकंडक्टर ने जून में हरियाणा में एक अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) सुविधा स्थापित करने की अपनी इच्छा की घोषणा की थी, जो कि व्यापारिक रिश्तों के बढ़ने का प्रमाण है।

कंपनी भारतीय बाजार और ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा परिचालन का विस्तार करेगी। बाद में इसके राज्य में एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने की उम्मीद है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, हुंडई, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, डूसन हेवी इंडस्ट्रीज सहित उन दक्षिण कोरियाई बड़ी कंपनियों में शामिल हैं, जो पहले से ही भारत में काम कर रही हैं।

(यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)

--इंडिया नैरेटिव

एकेके/एएनएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.