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संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत वीटो का अधिकार छोड़ने को तैयार

सैयद अकबरूद्दीन ने संयुक्त बयान में कहा कि भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए बड़ी संख्या में सिक्योरिटी काउंसिल में देशों की स्थाई सदस्यता का समर्थन करता है।

Updated on: 09 Mar 2017, 07:59 AM

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) के सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सदस्यता के लिए भारत शुरुआत में 'वीटो' अधिकार छोड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र में सुधार प्रक्रिया के तहत भारत समेत जी4 देशों ने कह है कि वे नए मॉडल्स पर विचार कर सकते हैं। जी-4 में भारत सहित ब्राजील, जर्मनी और जापान शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने संयुक्त बयान में कहा कि भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए बड़ी संख्या में सिक्योरिटी काउंसिल में देशों की स्थाई सदस्यता का समर्थन करता है।

इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद में स्थायी और गैर स्थायी सदस्यों के बीच 'प्रभाव का असंतुलन' है और गैर स्थाई श्रेणी में विस्तार करने भर से समस्या हल नहीं होगी।

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जी4 देशों ने अपने बयान में ये भी कहा कि फिलहाल उन्हें लगता है कि आगे बढ़ने का कोई और दूसरा रास्ता नहीं है लेकिन इन नए तरीकों से ही सही संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद में प्रस्तावित सुधारों की प्रक्रिया का वे स्वागत करते हैं।

गौरतलब है कि 1945 में गठित सुरक्षा परिषद में चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका पांच स्थायी सदस्य हैं। जबकि 10 अस्थायी सदस्यों का चुनाव दो वर्ष के लिए किया जाता है। भारत लंबे समय से स्थायी सदस्यता की दावेदारी पेश करता रहा है लेकिन चीन लगतार इस मसले पर अड़ंगा डालता रहा है।

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