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India Europe FTA: भारत और यूरोपीय देशों बीच FTA, 100 बिलियन निवेश... जानें क्या है इसमें

India Europe FTA: भारत और यूरोप के चार देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ है. इससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों के लिहाज से बड़ा कदम है. यूरोप के ये देश 100 बिलियन डॉलर निवेश करेंगे.

Updated on: 10 Mar 2024, 04:52 PM

नई दिल्ली:

India Europe FTA: भारत के व्यापारिक दृष्टिकोण से आज का दिन बहुत ही बड़ा है. आज 10 मार्च को भारत ने यूरोप के 4 देशों के साथ आर्थिक समझौता किया है. भारत को ये कामयाबी 16 सालों की बातचीत के बाद हुई है. इस मौके पर व्यापार मंत्री पीयुष गोयल ने कहा कि दोनों के बीच ये बातचीत साल 2008 से शुरू हो गई थी. ये डील यूरोप के चार देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के बारे में है जिसमें स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आईसलैंड, और लीशटेंस्टीन है.

भारत और यूरोप के चार देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट(EFTA) हुआ है. कहा जा रहा है कि इस डील से दोनों को बीच व्यापार बढ़ेगा. इसके साथ ही भारत की वस्तुएं यूरोप के इन देशों में बिना किसी रोकटोक के आसानी से बेची जा सकेंगी. आने वाले सालों वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स चरणबद्ध तरीके से कम किया जाएगा. वहीं, ये टैक्स गिरकर बहुत ही कम यानी जीरो फिसदी तक किया जाएगा. आपको बता दें कि 7 मार्च को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी. 

व्यापार मंत्री पीयूष गोयल का बयान

इस मौके पर ट्रेड मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि ये व्यापार समझौता भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक दृष्टिकोण से ऐतिहासित कदम है. इससे देश के निर्यात को मजबूत करेगा. निवेश को प्रोत्साहित करेगा और इसके साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा. ये एग्रीमेंट 15 सालों की कड़ी मेहनत, साहस का नतीजा है. स्विट्जरलैंड के साथ पार्टनरशिप, दोस्ती और डिप्लोमेटिक टाइज के 75 साल हो चूके है ऐसे मौके पर ये समझौता खुशी को दोगुना कर दे रहा है. 

15 सालों में 100 बिलियन निवेश

समझौते के मुताबिक यूरोप के ये देश डील लागू होने के बाद पहले 10 साल में 50 बिलियन निवेश करेंगे वहीं, इसके अगले 5 सालों में अगले 50 बिलियन डॉलर भारत में निवेश करेंगे. यानी आने वाले 15 सालों में कुल 100 बिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा. कहा जा रहा है कि इससे देश में 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी. इस समझौते में ट्रेड, इंटेलिक्चुएल प्रोपर्टी, सर्विस, इंवेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी, जैसे क्षेत्रों पर लागू होगा. इस मौके पर ईफटीए के सदस्य का कहना है कि हमें अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए एक बड़े मार्केट की पहुंच मिल गई है. आने वाले दिनों में हमारी कंपनियां सप्लाई चेन को बढ़ावा देने के लिए भारत में निवेश करेंगी. इससे दोनों देशों को लाभ होगा. इसके साथ ही नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे.