इमरान खान के पीओके में 'जलसे' से पहले भारत का आक्रामक रुख
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को बयान दिया कि अगर सरकार चाहे तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को पाने सहित सेना किसी भी ऑपरेशन के लिए तैयार है.
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को बयान दिया कि अगर सरकार चाहे तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को पाने सहित सेना किसी भी ऑपरेशन के लिए तैयार है. सेना प्रमुख का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा इस क्षेत्र में रैली करने से एक दिन पहले आया है. गुरुवार को मीडिया से बातचीत में जनरल रावत ने कहा, "सभी कार्रवाई का फैसला केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है. सरकार के तहत काम कर रही एजेंसियों को सरकार के निर्देशानुसार काम करना होता है और सेना किसी भी प्रकार के कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार है."
इमरान खान ने बुधवार को ट्वीट किया था, "मैं 13 सितम्बर को मुजफ्फराबाद में बड़ा 'जलसा' (रैली) करने जा रहा हूं, जिससे दुनिया को आईओजेके (जम्मू-कश्मीर) में जारी पाबंदी को लेकर संदेश भेजा जाए, जिससे कश्मीरियों को दिखाया जा सके कि पाकिस्तान उनके साथ मजबूती से खड़ा है." पाकिस्तान लगातार अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटा हुआ है. पाकिस्तान ऐसा भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से कर रहा है. भारत ने कहा है कि कश्मीर मुद्दा उसका आंतरिक मामला है, जबकि इमरान खान भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं.
इस सप्ताह के शुरू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर कश्मीर को बड़े जेल में बदलने का आरोप लगाया और उन्होंने चेतावनी दी कि घाटी में भारत का यह कार्य युद्ध की वजह बन सकता है. पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इसी हफ्ते मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए पीओके पर बयान दिया था.
सिंह ने जम्मू में कहा था, "अब अगला एजेंडा पीओके को फिर से हासिल करना है और इसे भारत का हिस्सा बनाना है. यह सिर्फ मेरी या मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं, बल्कि यह 1994 में पी.वी. नरसिम्हा राव की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव का हिस्सा है." केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का रुख कश्मीर मुद्दे पर संसद में छह अगस्त को अपने भाषण के दौरान रखा. शाह ने कहा, "कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसे लेकर कोई संदेह नहीं है। जब मैं जम्मू-कश्मीर की बात करता हूं तो पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर व अक्साई चीन इसमें शामिल हैं."
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