logo-image

भारत का 21 वीं सदी का पुष्पक विमान सफलतापूर्वक लॉन्च, ISRO का बड़ा दावा

इसरों ने सुबह सात बजे पुष्पक विमान को सफलतापूवर्क लॉन्च कर दिया है. इसे RLV यानी री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया है.

Updated on: 22 Mar 2024, 08:45 AM

नई दिल्ली:

इसरों ने सुबह 7 बजे कर्नाटक के चित्रदुर्ग से एक एसयूवी आकार का पंख वाला पुष्पक विमान सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. स्लीक बॉडी और SUV के शेप वाले विंग्ड रॉकेट को 'पुष्पक विमान' का नाम दिया है. इसे RLV यानी री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया गया है. यह RLV-TD से करीब 1.6 गुना बड़ा बताया गया है. RLV-TD की उड़ान 2016 और 2023 में लैंडिंग  एक्सपेरिमेंट से किया जा चुका है. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका बड़ा स्वरूप फरवरी में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के दौरे पर देखा था. 2   अप्रैल 2023 को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में ISRO, DRDO और IAF ने एक साथ मिलकर पुष्पक विमान का परीक्षण किया था. 

ये भी पढ़ें: PM Modi दो दिवसीय भूटान यात्रा पर रवाना, 'पड़ोसी प्रथम' नीति पर जोर

भारत का फ्यूचरिस्टिक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल- ISRO

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के प्रमुख का कहना है कि पुष्पक लॉन्च व्हीकल स्पेस तक पहुंच को सबसे किफायती बनाने वाला है. भारत का यह एक बड़ा प्रयास है. ये भारत का फ्यूचरिस्टिक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल की तरह है.. इसका ऊपरी भाग सबसे महंगा बताया गया है. इसमें महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हुए हैं. इस कारण ये स्पेस शटल उड़ान भरने के बाद सुरक्षित रूप से धरती पर वापसी कर सकता है. इसके बाद ये इन-ऑर्बिट सैटेलाइट और रिट्राइबिंग सैटेलाइट में री-फ्यूलिंग का काम भी करेगा." ISRO चीफ के अनुसार, भारत स्पेस में मलबे को कम करने की कोशिश कर रहा है. पुष्पक विमान इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है."

 

2016 में RLV लॉन्च हुआ 

2016 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से RLV ने पहली बार उड़ान भरी थी. इसे बनाने में एक दशक का समय लगा. ये बंगाल की खाड़ी में सफलता पूर्वक वर्चुअल रनवे पर लैंड हुआ था. हालांकि, RLV को रिकवर नहीं किया जा सका. योजना के अनुसार, ये समुद्र में समा गया.

2 अप्रैल 2023 में दूसरी बार लॉचिंग 

2 अप्रैल 2023 को RLV की दूसरी लॉन्चिंग हुई थी. ये टेस्ट रक्षा प्रतिष्ठान के चित्रदुर्ग एयरोनॉटिकल किया गया. RLV-LEX कहे जाने वाले इस  विंग्स वाले रॉकेट को इंडियन एयरफोर्स के चिनूक हेलीकॉप्टर से उड़ाया गया.