जब तक हम चीन पर निर्भर रहेंगे, तबतक उनके सामने झुकना पड़ेगा, भागवत का बड़ा बयान
भागवत ने कहा कि अगर चीन पर हमारी निर्भरता बढ़ेगी तो फिर चीन के आगे झुकना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आर्थिक सुरक्षा पर ही बाकी सुरक्षा निर्भर है.
highlights
- मोहन भागवत ने स्वदेशी पर दिया जोर
- चीन पर निर्भरता खत्म करने की कही बात
- सरकार को देश को आत्मनिर्भर बनाने की जिम्मेदारी
नई दिल्ली :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई के एक स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस मौके पर मोहन भागवत ने स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात की. उन्होंने कहा कि हम तभी सुरक्षित रहेंगे जब स्वदेशी चीजों को बढ़ावा देंगे. स्वनिर्भर ही हमें स्वतंत्र बनाए रखेंगी. स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हम चीन के बहिष्कार को लेकर कितना भी चिल्लाते रहे, लेकिन जो हमारे मोबाइल हैं वो क्या हैं? बाजार में चीनी सामान भरा पड़ा है. अगर चीन पर हमारी निर्भरता बढ़ेगी तो फिर चीन के आगे झुकना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आर्थिक सुरक्षा पर ही बाकी सुरक्षा निर्भर है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि किसी भी विदेशी आक्रांता का पैर हमारे जमीन पर पड़ता तो संघर्ष शुरू हो जाता था. देश पर आक्रमणकारियों ने कई बार आक्रमण किया, इसे पूर्ण विराम हमने 15 अगस्त को दिया. उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांता से लड़ने वाले महापुरूष हमें प्रेरणा देते हैं. उनको याद करने का आज समय है.15 अगस्त 1947 को हमारे राज्य की प्राप्ति हुई. हम अपना जीवन चलाने के लिए स्वतंत्र हो गए.
प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकना होगा
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) के मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि जीवन स्तर इस बात पर तय नहीं होना चाहिए कि हम कितना कमाते हैं, बल्कि इस बात से तय होना चाहिए कि हम लोगों के कल्याण उनके विकास के लिए कितना वापस देते हैं. भागवत ने आगे कहा कि हम खुश होंगे जब हम सबके कल्याण की बात करेंगे. खुश रहने के लिए मजबूत आर्थिक स्थिति की जरूरत होती है और इसके लिए हमें वित्तीय मजबूती की आवश्यकता होती है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने से भी मना किया. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक 'नियंत्रित उपभोक्तावाद' आवश्यक है.
देश को निर्भर बनाना सरकार का काम है
इसके साथ ही भागवत ने कहा कि स्वदेशी होने का मतलब है अपनी शर्तों पर काम करना. देश को निर्भर बनाना सरकार का काम है. सरकार का काम है कि वो उद्योगों को सहायता और प्रोत्साहन दे. इसके साथ ही सरकार को चाहिए कि उस उत्पादन को बढ़ावा दे जिससे देश का विकास हो. उन्होंने कहा कि उत्पादन जनकेंद्रीत होना चाहिए. ध्यान शोध एवं विकास, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) और सहकारी क्षेत्रों पर केंद्रित होना चाहिए.
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