Independence Day 2019: देश की शान है तिरंगा, जानिए कैसे करना है इसका सम्मान

Independence Day 2019: 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान संभा की बैठक में राष्ट्रीय ध्वज के मौजूदा स्वरूप का अपनाया गया था. बता दें कि संविधान संभा की बैठक 15 अगस्त 1947 से कुछ ही दिन पहले की गई थी.

Independence Day 2019: 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान संभा की बैठक में राष्ट्रीय ध्वज के मौजूदा स्वरूप का अपनाया गया था. बता दें कि संविधान संभा की बैठक 15 अगस्त 1947 से कुछ ही दिन पहले की गई थी.

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Dhirendra Kumar
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Independence Day 2019: देश की शान है तिरंगा, जानिए कैसे करना है इसका सम्मान

Independence Day 2019: राष्ट्रीय ध्वज

Independence Day 2019: राष्ट्रीय ध्वज के लिए देश के सभी नागरिकों के मन में सम्मान का भाव होता है. इस रिपोर्ट में हम जानने की कोशिश करेंगे कि राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान कैसे किया जाए. बता दें कि 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान संभा की बैठक में राष्ट्रीय ध्वज के मौजूदा स्वरूप का अपनाया गया था. बता दें कि संविधान संभा की बैठक 15 अगस्त 1947 से कुछ ही दिन पहले की गई थी. 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 की अवधि में उस ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता मिली थी.

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आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने किया था तैयार
बता दें कि तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने तैयार किया था. केसरिया, सफेद और हरे रंग की वजह से राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा भी कहा जाता है. राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है.

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    • मंच पर तिरंगा फहराते समय बोलने वाले का चेहरा श्रोताओं की तरफ होने पर तिरंगा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए
    • रांची का पहाड़ी मंदिर में तिरंगा फहराया जाता हैं. यह भारत का इकलौता मंदिर है जहां तिरंगा फहराया जाता है
    • देश का सबसे ऊंचा झंडा रांची में 493 मीटर की ऊंचाई पर फहराया हुआ है
    • फ्लैग कोड ऑफ इंडिया (भारतीय ध्वज संहिता) कानून के तहत फहराने के नियम निर्धारित हैं
    • झंड फहराने के नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल की सजा का भी प्रावधान
    • कॉटन, सिल्क या फिर खादी का तिरंगा ही मान्य है
    • तिरंगे की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 तय है, अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए
    • 7 अगस्त 1906 को सबसे पहले झंडे को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कोलकाता में फहराया गया था
    • नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखना गैरकानूनी
    • किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा नहीं लगा सकते
    • किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए
    • तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग नहीं कर सकते
    • बेंग्लुरू से 420 किलोमीटर दूर हुबली देश का एकमात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जहां झडा बनाया जाता है
    • किसी भी अन्य झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊपर नहीं लगाया जा सकता
    • 22 दिसंबर 2002 के बाद आम नागरिकों को घरों और ऑफिस में तिरंगा फहराने की अनुमति मिली
    • तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति साल 2009 में मिली
    • 21 × 14 फीट के झंडे देश में सिर्फ तीन जगह पर फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और ग्वालियर किला

New Delhi national flag 15th August Independence Day 2019 Indian National Flag
      
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