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विदेशों में हजारों करोड़ की संपत्ति, घर में 24 करोड़ नगद, करोड़ों की घड़ियां... IT के अफसर भी चकरा गए

यह ग्रुप आयकर विभाग के राडारा पर था. पिछले 19 जनवरी को यह ग्रुप आयकर विभाग के हत्थे चढ़ गया.

Updated on: 24 Jan 2020, 07:49 PM

नई दिल्ली:

आयकर विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में एक हजार करोड़ से भी ज्यादा की अघोषित संपत्ति का पता लगाया है. आयकर विभाग के अधिकारियों ने सरकार के काले धन को खोजने के अभियान को जारी रखते हुए पिछले कई दिनों से इस ग्रुप पर निगरानी बनाए रखी थी. यह ग्रुप आयकर विभाग के राडारा पर था. पिछले 19 जनवरी को यह ग्रुप आयकर विभाग के हत्थे चढ़ गया. इस ग्रुप को पकड़ने के लिए आयकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली एनसीआर के 13 परिसरों में छापेमारी की. 

इस ग्रुप का एक प्रमुख सदस्य विदेशों में होटल चलाता है इसके अलावा ये व्यक्ति भारत के कई शहरों में एक प्रमुख ब्रांड के नाम से लग्जरी होटल चला रहा है. आयकर विभाग ने अब तक किए गए सर्च ऑपरेशन बहुत सी कीमती वस्तुओं और संपत्ति की जब्ती हुई है इसमें से लगभग 25 करोड़ रूपये की कीमत वाली मूल्यवान संपत्ति जब्त की गई है हुई है इसमें से 71.5 लाख रुपये नकद, 22 करोड़ रुपये की ज्वैलरी और करोड़ों रुपये की महंगी घड़ियां जब्त की गईं हैं. आयकर विभाग की खोज के दौरान जब्त किए गए साक्ष्यों से पता चलता है कि टैक्स हैवेंस में 1990 के दशक में गठित ट्रस्टों के तंत्र के माध्यम से इस ग्रुप ने विदेशों में बड़ी मात्रा में काला धन जमा किया है. 

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इस ग्रुप का मुखिया कौन है और ये कहां से संचालित हो रहा है अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है हालांकि आयकर विभाग ने इस बात का दावा भी किया है कि छापेमारी के दौरान जब्त किए गए कागजात इस गैंग के सरगना तक पहुंचने में मददद करेंगे. इस ग्रुप की संपत्तियों के बारे में पता लगाना भी एक चुनौतीपूर्ण काम होगा क्योंकि इस ग्रुप की कितने देशों में ब्रांच हैं अभी इस बात का पता भी नहीं चल पा रहा है. इस ग्रुप ने बहुत गोपनीय तरीके से काम किया है. आयकर विभाग को मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि ग्रुप के प्रमोटर के परिवार के करीबी व्यक्ति को जानबूझकर कानूनी पचड़ों से बचने के लिए पेश किया गया है. 

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आयकर विभाग ने जांच से पर्दा हटाते हुए बताया कि किस वजह से इस अघोषित संपत्ति का पता लगाया जा सका. इस 1000 करोड़ रुपये से अधिक की घरेलू कर चोरी के अलावा. आयकर विभाग ने  ब्लैक मनी एक्ट के तहत 35 करोड़ भी बरामद किए हैं जो कि सरकार ने साल 2015 के बाद अभियान चला रखा है बरामद दस्तावेजों के आधार पर इस ग्रुप के संचालक को आयकर अधिनियम 1961 के तहत कार्रवाई हो सकती है इस ग्रुप के पास विदेशी संपत्तियों में यूके में एक होटल के अलावा यूके और यूएई में अचल संपत्तियां और विदेशी बैंकों में काला धन जमा है. आयकर विभाग की जांच अभी भी जारी है.