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अपने खाते में जमा कराया है दूसरे का कालाधन तो हो सकती है 7 साल की कैद

आईटी विभाग ने कालाधन रखने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, दूसरे व्यक्ति के खाते में कालाधन जमा कराने पर खाता धारक को 7 साल जेल की सजा हो सकती है।

Updated on: 20 Nov 2016, 10:55 PM

highlights

  • कालाधन छुपाने के लिए आप के खाते का हुआ है इस्तेमाल तो हो सकती है 7 साल की जेल
  • आयकर विभाग ने जारी की चेतावनी
  • ढाई लाख रुपये से अधिक खाते में जमा कराने पर बताना होता है 'स्त्रोत'

नई दिल्ली:

आयकर (आईटी) विभाग ने कालाधन रखने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, दूसरे व्यक्ति के खाते में कालाधन जमा कराने पर खाता धारक को 7 साल जेल की सजा हो सकती है। इससे पहले आईटी विभाग ने अधिक मात्रा में बैंकों में पैसा जमा कराने वालों के खिलाफ नोटिस जारी किया था।

विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बेनामी लेनदेन कानून के तहत आरोप लगाने का फैसला किया है जिसमें जुर्माना व अधिकतम सात साल की कैद की सजा हो सकती है।

नोटबंदी के बाद लोग कैसे छुपा रहे हैं कालाधन

8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध के ऐलान के बाद कालाधन रखने वाले लोग अपने करीबियों या गरीबों को प्रलोभन देकर उनके खाते में पैसे जमा करा रहे हैं। जिसपर सरकार की नजर है। आईटी विभाग ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर 'स्त्रोत' की जानकारी मांगी थी। अब आयकर विभाग ने और सख्ती बरतते हुए 7 साल जेल की सजा देने की बात कही है।

ज्यादातर लोग जनधन खाते का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। नियम के अनुसार जन-धन खाता धारक अपने खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा जमा नहीं करा सकते हैं। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने पिछले दिनों कहा था कि जो लोग 50 हजार या उससे कुछ कम पैसे जन-धन खाते में जमा करा रहे हैं उन पर निगरानी रखी जा रही है। अब सरकार ने कहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नोटबंदी के बाद सरकार ने कहा था कि ढाई लाख तक बगैर किसी टैक्स के आम लोग पैसे जमा करा सकते हैं। इससे अधिक जमा कराने पर स्त्रोत की जानकारी देनी होगी। अगर बैंक ग्राहक 'स्त्रोत' बताने में असफल रहते हैं तो उनपर 200 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।

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