अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में नई राजनीतिक पार्टी का आगाज

कश्मीर में एक नया राजनीतिक संगठन सामने आया है, जिसका राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है. जम्मू एंड कश्मीर पॉलिटिकल मूवमेंट (इंडिपेंडेट) के गठन की खबर श्रीनगर में 9 सितंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में सामने आई.

कश्मीर में एक नया राजनीतिक संगठन सामने आया है, जिसका राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है. जम्मू एंड कश्मीर पॉलिटिकल मूवमेंट (इंडिपेंडेट) के गठन की खबर श्रीनगर में 9 सितंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में सामने आई.

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nitu pandey
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अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में नई राजनीतिक पार्टी का आगाज

जम्मू एवं कश्‍मीर

कश्मीर में एक नया राजनीतिक संगठन सामने आया है, जिसका राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है. जम्मू एंड कश्मीर पॉलिटिकल मूवमेंट (इंडिपेंडेट) के गठन की खबर श्रीनगर में 9 सितंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में सामने आई. इसकी सूचना उन लोगों ने दी, जो स्थापित राजनीतिक नेतृत्व से नहीं हैं. कश्मीर के लिए नई शुरुआत की वकालत करते हुए पार्टी ने 'सभी क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया है.' हालांकि, पार्टी का नेतृत्व प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मौजूद नहीं था. यह दुर्लभ अवसरों में एक था, जब एक राजनीतिक पार्टी को छह अगस्त के बाद प्रेस ब्रीफिंग के लिए इजाजत दी गई.

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भारत सरकार ने छह अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. यह अनुच्छेद कश्मीर को विशेष दर्जा देता था.

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यह राजनीतिक संगठन कश्मीर के दूसरे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों जैसे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के विपरीत है और राष्ट्रवादी विचार का समर्थन करता है. पार्टी के 49 साल के अध्यक्ष पीरजादा सईद ने एक मीडिया आउटलेट को दिए साक्षात्कार में कहा कि उनका मानना है कि 'हमारा भविष्य भारत के साथ है.'

पीरजादा, उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाले नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व सदस्य हैं. उन्होंने 2002 में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ दी थी.

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