जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की दो घटनाओं में चार जवान शहीद, बचाव अभियान में शव बरामद
सर्दी के मौसम में हिमस्खलन और भूस्खलन की घटनाएं कुछ ज्यादा ही होती है. इन दिनों भारत के इन हिस्सों का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.
highlights
- तंगधार और गुरेज में हुए हिमस्खलन में शहीद चार जवानों के शव बरामद.
- सियाचिन में हिमस्खलन में पखवाड़े में शहीद हो चुके हैं आधा दर्जन जवान.
- सर्दी में बढ़ जाती हैं हिमस्खलन और भूस्खलन की घटनाएं.
New Delhi:
बुधवार को कुपवाड़ा के तंगधार और गुरेज सेक्टर में अलग-अलग हुए हिमस्खलन में शहीद चार जवानों के शव बरामद हो गए. पहले तंगधार में तीन जवानों के गायब होने की सूचना थी. इसके बाद सेना की ओर से चलाए गए बचाव एवं राहत अभियान में तंगधार में तीन और गुरेज में एक जवान का शव बरामद हुआ. बीते कुछ दिनों से हिमस्खलन की घटनाओं में भारतीय सेना के कई जवान शहीद हो चुके हैं. सियाचिन ही में पखवाड़े भर के भीतर आए दो हिमस्खलनों में आधा दर्जन के लगभग जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
यह भी पढ़ेंः कांग्रेस ने पूछा- चीन के प्रति नरम क्यों? राजनाथ का जवाब- सैनिकों की सतर्कता पर संदेह नहीं होना चाहिए
तंगधार में एक जवान बचाया गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार तंगधार में मंगलवार की देर रात हुए हिमस्खलन की चपेट में भारतीय सेना की एक पोस्ट आ गई. मंगलवार को ही गुरेज सेक्टर में भारतीय सेना की एक पेट्रोल पार्टी भी हिमस्खलन की चपेट में आ गई. जानकारी मिलने पर सेना ने बचाव एवं राहत कार्य छेड़ा. बुधवार को तंगधार में जवानों के तीन शव बरामद हो गए, तो गुरेज में भी एक जवान का शव मिला. तंगधार में एक जवान को बचा लिया गया है. गौरतलब है कि सियाचिन समेत जम्मू-कश्मीर के कई बर्फीले इलाकों में इन दिनों हिमस्खल की कई घटनाएं सामने आई हैं.
यह भी पढ़ेंः केजरीवाल सरकार ने दिल्लीवालों को दिया तोहफा, अब राजधानी में फ्री होगा WiFi
सर्दी के मौसम में बढ़ जाते हैं हिमस्खलन
गौरतलब है कि शनिवार को लद्दाख में दक्षिणी सियाचिन के हिस्से में हुए हिमस्खलन में दो भारतीय जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. बीते दो हफ्तों में सियाचिन में हुआ यह दूसरा हिमस्खलन था. इसके पहले 18 नवंबर को आए हिमस्खलन में सेना के चार जवानों समेत दो पोर्टर भी मारे गए थे. विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दी के मौसम में हिमस्खलन और भूस्खलन की घटनाएं कुछ ज्यादा ही होती है. इन दिनों भारत के इन हिस्सों का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. ऐसे में भारतीय सीमा की रखवाली तो बड़ी चुनौती होती ही है, साथ ही जवानों को अपने आप को रूह कंपाने वाली सर्दी में बचाए रखना भी बड़ी चुनौती साबित होती है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Ank Jyotish: इस तारीख को जन्में लोग होते हैं बुद्धिमान, लेकिन लोग उठाते हैं इनका फायदा
-
Laxmi Ganesh Puja: धन-वृद्धि और तरक्की के लिए इस तरह करें देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा