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विपक्ष ने राजनाथ से बयान देने की मांग की
राजस्थान के अलवर में गौरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या किए जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में ज़ोरदार हंगामा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बयान देने की मांग की। आजाद ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार 'राज्यसभा को कमजोर कर रही है।'
बता दें कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को ये मानने से ही इंकार कर दिया था कि इस तरह की कोई 'घटना' भी घटी थी। आजाद ने नकवी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'मंत्री ने सदन को गुमराह किया है।' उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग बयान दे रही है।
आजाद ने कहा, 'गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में स्वीकार किया था कि यह घटना हुई है, जबकि मंत्री (नकवी) ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ।'
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आजाद ने इन स्वयंभू गौरक्षकों से निपटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा पर भी संदेह जताया।
आजाद ने कहा, 'उन्होंने (मोदी) बहुत कड़े शब्दों में उनकी निंदा की, लेकिन ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने उनसे (गौरक्षक) कह दिया है कि वे जो चाहे करें।'
आजाद का अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी समर्थन किया और मंत्री से मांग की कि वह इस पर माफी मांगें।
जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री नकवी ने कहा कि गृहमंत्री इस मामले पर सदन में सोमवार को बयान देंगे।
इससे पहले शुक्रवार को अलवर में कथित तौर पर गौरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा एक व्यक्ति की हत्या पर नकवी ने कहा कि गौरक्षा समिति के सदस्यों को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि 'अपराधी सिर्फ अपराधी होते हैं।'
बता दें कि हरियाणा निवासी पहलू खान दो गायों और दो बछड़ों के साथ एक ट्रक से यात्रा कर रहे थे। हमलावरों ने कथित तौर पर खान पर गाय की तस्करी का आरोप लगाया। हालांकि उनके परिवार का कहना है कि वह अपने दुग्ध व्यवसाय के लिए जानवरों को ला रहे थे।
IANS इनपुट के साथ।
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Source : News Nation Bureau